सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की खराब हवा को लेकर में बुधवार को गंभीर चिंता जताई. CJI सूर्यकांत ने कहा कि प्रदूषण के हालात राजधानी में ऐसे हैं कि 55 मिनट चलने के बाद सुबह तक दिक्कत हो रही है. राजधानी का प्रदूषण इस हालत में पहुंच गया है कि बाहर सैर करना भी मुश्किल हो गया है. सीजेआई ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने करीब 55 मिनट की वॉक की थी, जिसके बाद उन्हें सुबह तक परेशानी बनी रही.
बता दें कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. AQI कई जगहों पर 350 के पार है. हवा में घुले जहर की वजह से सांसों का संकट खड़ा हो गया है. लगातार 12वें दिन भी हवा की क्वालिटी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है.
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सिब्बल बोले- मैंने टहलना बंद कर दिया
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने यह टिप्पणी वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी के खराब सेहत का हवाला देते हुए सुनवाई से छूट मांगने के दौरान की. CJI ने उनसे पूछा कि क्या यह दिल्ली के मौसम की वजह से है, जिस पर द्विवेदी ने सहमति जताई. इस पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी कहा कि उन्होंने भी प्रदूषण की वजह से टहलना बंद कर दिया है. सिब्बल ने बताया कि शाम के समय भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300–350 के बीच रहता है.
वकील ने दिया वर्चुअल सुनवाई पर जोर
वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट से वर्चुअल हायरिंग शुरू करने का अनुरोध किया. उनकी इस अपील का समर्थन कपिल सिब्बल ने भी किया. इस पर सीजेआई ने कहा कि इस विषय पर निर्णय बार के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे संविधान दिवस समारोह में बार पदाधिकारियों से मिलकर ही इस सुझाव पर बात करेंगे. सीनियर वकील द्विवेदी ने सुझाव दिया कि फिलहाल 60 साल से ऊपर के वकीलों को कोर्ट परिसर में सुनवाई के दौरान शारीरिक उपस्थिति से छूट दी जा सकती है. बता दें कि हाल ही में जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने भी दिल्ली की बिगड़ती हवा को देखते हुए वकीलों को वर्चुअल मौजूदगी अपनाने की सलाह दी थी.
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प्रदूषित हवा में वॉक करना कितना सेफ?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि जब हवा में प्रदूषण का लेवल ज्यादा हो, तो बाहर वॉक या रनिंग करने से बचने की जरूरत है. दरअसल, जब हम एक्सरसाइज करते हैं या तेज चलते हैं, तो हम नॉर्मल से ज्यादा गहरी सांसें लेते हैं. इससे हवा में मौजूद खतरनाक कण और जहरीली गैसें सीधे हमारे फेफड़ों की गहराई तक पहुंचती हैं.














