संविधान के अनुच्छेद 51A में निर्धारित मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को लागू करने की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से जवाब दाखिल ना होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने अगर तय समय में हलफनामा दाखिल नहीं किया तो 25 हज़ार का जुर्माना लगाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्र ने पिछली बार जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है. इस मामले में अभी तक सिर्फ उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने जवाब दाखिल किया है.
याचिकाकर्ता दुर्गा दत्त ने करुणाकर महालिक के माध्यम से यह याचिका दायर की है. याचिका पर पहले पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आपत्ति जताई थी.
साथ ही उन्होंने व्यक्तिगत हैसियत से अपनी राय रखते हुए कहा था कि कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए उठाए कदमों की जानकारी है. उन्होंने कहा था कि जहां तक इस बारे में कानून बनाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग है, कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए.
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