व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार, 9 को सुनवाई

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार, 9 को सुनवाई

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले की निगरानी और सीबीआई जांच के संबंध में की गई याचिकाओं को स्वीकारते हुए 9 जुलाई को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। फिलहाल इस मामले में चार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के सामने आने के बाद से इस घोटाले से कथित रूप से संबंध रखने वालों लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। 2013 में यह घोटाला उजागर हुआ था और तब से लेकर अभी तक करीब 40 लोगों की मौत का मामला सामने आ चुका है।

बता दें कि इस बारे में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि यदि राज्य सरकार या हाई कोर्ट कहेगा तो मामले की सीबीआई जांच करवाई जा सकती है। उधर, सोमवार को ही राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा है कि यदि हाईकोर्ट कहेगी तो वह मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं।

वर्तमान में इस घोटाले के जांच मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गठित एसटीएफ कर रही है। यह जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में जारी है। हाईकोर्ट में कांग्रेस व अन्य के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी जो जांच देख रही है। इस समिति का अध्यक्ष एक रिटायर्ड जज है।

बता दें कि 2008 से 2013 के बीच प्री मेडिकल टेस्ट में चुने गए 2200 डॉक्टर और अन्य संदिग्ध बताये जाते हैं। इस मामले में करीब 3000 लोग आरोपी बनाए गए हैं। इनमें छात्र, मां-बाप, राजनेता, बिजनेसमैन और दलाल टाइप के उच्च कोटी के लोग शामिल हैं। करीब 1700 गिरफ्तार हुए हैं जिनमें से कुछ ज़मानत पर हैं तो कुछ जेल में हैं। बड़ी संख्या में छात्र जेल में हैं और अभी भी करीब 500 लोग फ़रार बताये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि 1000 भर्तियां अवैध हुईं हैं। इस मामले में कई मंत्री, आईपीएस, राज्य पुलिस अधिकारी, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नेताओं के करीबी, यहां तक कि कांग्रेसी नेताओं के नाम भी आरोपी और लाभार्थी के रूप में लिये जाते हैं।

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व्हीसल ब्लोअर आनंद राय का दावा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी डॉक्टर अजय मेहता भी आरोपी हैं जिन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। सीएम के ओएसडी प्रेम प्रसाद और उनकी बेटी भी आरोपी हैं। अग्रिम ज़मानत मिल गई है पर सरकार ने विरोध नहीं किया। राज्य मंत्री गुलाब सिंह किरार और उनके बेटे शक्ति प्रताप सिंह आरोपी हैं। शक्ति का मेडिकल में चौथा रैंक था। इनके खिलाफ जुलाई 2014 में एफआईआर हुई लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। व्यापम के परीक्षा नियंत्रक सुधीर सिंह भदौरिया भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। ये भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी बताये जाते हैं। भदौरिया अभी भी इंदौर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक के पद पर हैं।