अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कश्‍मीर घाटी में पाबंदियां, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद

पुलिस ने बताया कि घाटी में हालात शांतिपूर्ण हैं और किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों ने ‘पुलिस द्वारा गिलानी को जबरन सुपुर्द-ए-खाक किए जाने’ की निराधार अफवाह फैलाने की कोशिश की.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार रात को यहां उनके आवास पर निधन हो गया था
श्रीनगर:

कश्मीरी अलगाववादी नेता (Kashmiri separatist leader) सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) के निधन के बाद ऐहतियातन कश्मीर घाटी में शुक्रवार को दूसरे दिन भी पाबंदियां जारी हैं. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में लोगों की आवाजाही और उनके एकत्रित होने पर पाबंदी लगी हुई है. जुमे की नमाज के मद्देनजर शहर के पुराने इलाके और कुछ नए इलाकों में पाबंदियां और कड़ी कर दी गयी हैं. उन्होंने बताया कि यहां हैदरपुरा इलाके में गिलानी के आवास तक जाने वाली सड़कें बंद हैं और लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए दूसरे इलाकों में भी अवरोधक लगाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. किसी तरह की अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवा को छोड़कर सभी मोबाइल फोन सेवाएं बंद हैं जबकि मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद हैं. उन्होंने बताया कि नमाज के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि पाबंदियां हटायी जाए या नहीं.

यह भी पढ़ें 

गिलानी के निधन पर पाकिस्तान मना रहा एक दिन का शोक, आधा झुका रहेगा झंडा

गिलानी ने आखिर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को अलविदा क्यों कहा? यह है पर्दे के पीछे की कहानी

सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

पुलिस ने बताया कि घाटी में हालात शांतिपूर्ण हैं और किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों ने ‘पुलिस द्वारा गिलानी को जबरन सुपुर्द-ए-खाक किए जाने' की निराधार अफवाह फैलाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘हिंसा भड़काने के झूठे दुष्प्रचार के तौर पर ऐसी निराधार खबरों का पुलिस ने पूरी तरह खंडन किया है बल्कि पुलिस ने गिलानी का पार्थिव शरीर उनके घर से कब्रिस्तान तक लाने में मदद की क्योंकि असामाजिक तत्वों के इस स्थिति का गलत फायदा उठाने की आशंकाएं थीं. गिलानी के रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया.'

Advertisement

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कश्मीर में शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने में जनता के सहयोग की सराहना की. जम्मू-कश्मीर में तीन से अधिक दशकों तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले और पाकिस्तान समर्थक गिलानी (91) का बुधवार रात को यहां उनके आवास पर निधन हो गया. उन्हें दो दशकों से अधिक समय से गुर्दे की बीमारी थी.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
यूक्रेन ने कजान को ही क्यों बनाया निशाना?
Topics mentioned in this article