अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कश्‍मीर घाटी में पाबंदियां, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद

पुलिस ने बताया कि घाटी में हालात शांतिपूर्ण हैं और किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों ने ‘पुलिस द्वारा गिलानी को जबरन सुपुर्द-ए-खाक किए जाने’ की निराधार अफवाह फैलाने की कोशिश की.

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सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार रात को यहां उनके आवास पर निधन हो गया था
श्रीनगर:

कश्मीरी अलगाववादी नेता (Kashmiri separatist leader) सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) के निधन के बाद ऐहतियातन कश्मीर घाटी में शुक्रवार को दूसरे दिन भी पाबंदियां जारी हैं. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में लोगों की आवाजाही और उनके एकत्रित होने पर पाबंदी लगी हुई है. जुमे की नमाज के मद्देनजर शहर के पुराने इलाके और कुछ नए इलाकों में पाबंदियां और कड़ी कर दी गयी हैं. उन्होंने बताया कि यहां हैदरपुरा इलाके में गिलानी के आवास तक जाने वाली सड़कें बंद हैं और लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए दूसरे इलाकों में भी अवरोधक लगाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. किसी तरह की अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवा को छोड़कर सभी मोबाइल फोन सेवाएं बंद हैं जबकि मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद हैं. उन्होंने बताया कि नमाज के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि पाबंदियां हटायी जाए या नहीं.

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पुलिस ने बताया कि घाटी में हालात शांतिपूर्ण हैं और किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों ने ‘पुलिस द्वारा गिलानी को जबरन सुपुर्द-ए-खाक किए जाने' की निराधार अफवाह फैलाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘हिंसा भड़काने के झूठे दुष्प्रचार के तौर पर ऐसी निराधार खबरों का पुलिस ने पूरी तरह खंडन किया है बल्कि पुलिस ने गिलानी का पार्थिव शरीर उनके घर से कब्रिस्तान तक लाने में मदद की क्योंकि असामाजिक तत्वों के इस स्थिति का गलत फायदा उठाने की आशंकाएं थीं. गिलानी के रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया.'

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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कश्मीर में शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने में जनता के सहयोग की सराहना की. जम्मू-कश्मीर में तीन से अधिक दशकों तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले और पाकिस्तान समर्थक गिलानी (91) का बुधवार रात को यहां उनके आवास पर निधन हो गया. उन्हें दो दशकों से अधिक समय से गुर्दे की बीमारी थी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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