'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से गुजरात के केवड़िया में आया बड़ा बदलाव, इस वजह से मिली दुनिया में पहचान

सरदार सरोवर डैम को बारिश के समय देखने सिर्फ ढीई से तीन हजार लोग आते थे. लेकिन 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की वजह से आज यहां तीस से पैंतीस हजार लोग देखने आते हैं और इसकी वजह से केवड़िया के स्थानीय सहित सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ने बदली इलाके की सूरत

गुजरात:

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 31 अक्टूबर 2013 को 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की शुरुआत की थी. ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसके अंदर एक लाइब्रेरी भी है, जहां पर सरदार पटेल से जुड़े इतिहास को दर्शाया गया है. इसके बनने के बाद से गुजरात के केवड़िया कस्बे में एक बड़ा बदलाव आया है.

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाने के समय कई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया. साथ ही कई जरूरी चीजों का भी खास ख्याल रखा गया है. ये दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति तो है ही, इसे काफी खूबसूरती से बनाया भी गया है. दुनिया की लगभग सभी स्टैचू बड़े शहर के मुख्य में है, लेकिन सरदार सरोवर डैम की वजह से जो सबसे बड़ी परियोजना है, इसके कारण इसे केवड़िया में बनाया गया है.

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के आकार की वजह से इसे बनाने में काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. बाकी स्टैच्यू बेड एरिया से गाउन से पैरलर ढके होते हैं, जिनके अंदर भार को डिवाइड किया जा सकता है, लेकिन 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दो पैरों पर खड़ी है, इसीलिए काफी जटिलाओं के बीच इसका निर्माण किया गया.

'आजादी के बाद सरदार पटेल को उनके योगदान का उचित सम्मान नहीं मिला.. ": गृह मंत्री अमित शाह

सरदार सरोवर डैम को बारिश के समय देखने सिर्फ ढीई से तीन हजार लोग आते थे. लेकिन 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की वजह से आज यहां तीस से पैंतीस हजार लोग देखने आते हैं और इसकी वजह से केवड़िया के स्थानीय सहित सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

नर्मदा नदी के किनारे बने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की खूबसूरती देखते ही बनती है. यहां हर शाम को मां नर्मदा की आरती भी होती है. हालांकि यहां लोगों को नदी में जाने की इजाजत नहीं है, क्योंकि नर्मदा नदी में काफी संख्या में मगरमच्छ हैं. कहा जाता है कि मगरमच्छ मां नर्मदा की सवारी है, इसीलिए इसका यहां संरक्षण किया जाता है.

ईमानदारी की मिसाल, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' में काम करने वाले गाइडों ने महिला को लौटाया 70 हजार रु. से भरा पर्स

Topics mentioned in this article