सोनिया गांधी से आज पूरी हो सकती है ED की पूछताछ, सूत्रों ने बताया- "जवाब देने में ज्यादा वक्त नहीं ले रहीं"

सूत्रों ने पूछताछ को लेकर बताया कि 70 वर्षीय सोनिया गांधी से पिछले दो दिनों में हुई पूछताछ के दौरान 70 सवाल पूछे जा चुके हैं. मंगलवार को वो लगभग आठ घंटों तक ईडी के ऑफिस में थीं. आज वो सुबह 11 बजे के आसपास फिर ईडी के ऑफिस गई हैं. 

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सोनिया गांधी से बुधवार को तीसरे राउंड की पूछताछ हो रही है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी आज बुधवार को नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस पहुंची हैं. आज तीसरे राउंड की पूछताछ होनी है. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से पता चला है कि आज उनसे पूछताछ पूरी हो सकती है. सूत्रों ने पूछताछ को लेकर बताया कि 70 वर्षीय कांग्रेस नेता से पिछले दो दिनों में हुई पूछताछ के दौरान 70 सवाल पूछे जा चुके हैं. मंगलवार को वो लगभग आठ घंटों तक ईडी के ऑफिस में थीं. आज वो सुबह 11 बजे के आसपास फिर ईडी के ऑफिस गई हैं. 

नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्डरिंग के आरोपों पर उनसे पूछताछ हो रही है. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि सोनिया गांधी सवालों के जवाब "जल्दी" दे रही थीं और ज्यादा वक्त नहीं ले रही थीं.

बता दें कि राहुल गांधी से इसी मामले पहले पूछताछ हो चुकी है. उनसे पांच दिनों तक पूछताछ की गई थी और उनसे लगभग 150 सवाल पूछे गए थे.

जानकारी है कि सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से उनके संबंधों को लेकर सवाल पूछे गए. अधिकारियों ने बताया कि चूंकि वो और राहुल गांधी दोनों ही यंग इंडियन में बड़े शेयरहोल्डर्स हैं, इसलिए इन दोनों लोगों के जवाबों का मिलना किया जा सकता है.

इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि इन्होंने यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था, बल्कि वो इस कंपनी के जरिए एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. साल 2011 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को टेकओवर कर लिया.

इसके बाद साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की. ईडी का कहना है कि यंग इंडियन ने एजेएल से 800 करोड़ की संपत्ति भी अधिग्रहित की, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, यह शेयरहोल्डर्स की संपत्ति के तौर पर देखी जाएगी, जिसके लिए उन्हें टैक्स चुकाना चाहिए. 

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कांग्रेस का कहना है कि उसने कुछ गैरकानूनी नहीं किया है क्योंकि यंग इंडियन एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है, ऐसे में मनी लॉन्डरिंग का सवाल ही पैदा नहीं होता.

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