बर्तन धोने वाले पिता के बेटे ने पास की NEET UG परीक्षा, राजस्थान के श्रवण कुमार की कहानी

राजस्थान के महेश कुमार ने ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- स्नातक’ (नीट-यूजी) में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि मध्यप्रदेश के उत्कर्ष अवधिया ने दूसरा स्थान हासिल किया है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल कुल 22.09 लाख परीक्षार्थियों में से 12.36 लाख से अधिक अभ्यर्थी पास हुए हैं.

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नीट-यूजी परिणाम शनिवार को घोषित किए गए हैं.

मेहनत और जज्बा जिस इंसान के पास होता है, उसे कामयाबी से कोई नहीं रोक सकता है. ये बात सच कर दिखाई है राजस्थान के बालोतरा में 19 साल के श्रवण कुमार ने. बेहद ही गरीब परिवार से नाता रखने वाले श्रवण कुमार ने इस साल NEET UG  परीक्षा पास कर लिया है. कच्ची झोपड़ी में पले-बढ़े श्रवण के हौसलों के आगे गरीबी भी झुक गई. श्रवण जब फैक्ट्री में काम कर रहा था, उस दौरान उसे NEET परीक्षा पास करने की जानकारी मिली. उसे खबर मिली कि उसने OBC श्रेणी में 4071वां रैंक हासिल किया है. ये बात सुनते ही श्रवण के चेहरे पर खुशी आ गई.

सपनों की उड़ान

श्रवण अपने घर का खर्च उठाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ फैक्ट्री में काम करता है. जबकि उसके माता-पिता गांव के समारोहों में बर्तन धोते हैं. साथ ही कभी-कभार मनरेगा में भी काम कर पैसे कमाते हैं. परिवार में पैसों की तंगी होने के बावजूद भी श्रवण ने डॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा. सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले श्रवण ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में क्रमशः 97% और 88% अंक हासिल किए थे. 

निःशुल्क कोचिंग ने की मदद

12वीं कक्षा पास करने के बाद श्रवण को  बाड़मेर की फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान का साथ मिला. यह संस्थान हर साल आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों की मदद करती है और उन्हें निःशुल्क कोचिंग देती है. श्रवण के NEET स्कोर के आधार पर उसे आराम से राजस्थान के कम से कम तीन से चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीट मिलने की उम्मदी है. श्रवण के अनुसार जब पढ़ाई पूरी हो जाएगी और वो कामने लगेंगे, तो सबसे पहले अपने पिता का काम उनसे छुड़वा देंगे. श्रवण ने कहा कि उन्हें ये अच्छा नहीं लगता है कि उनके पिता बर्तन धोने का काम करते हैं.

राजस्थान के महेश कुमार ने ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- स्नातक' (नीट-यूजी) में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि मध्यप्रदेश के उत्कर्ष अवधिया ने दूसरा स्थान हासिल किया है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल कुल 22.09 लाख परीक्षार्थियों में से 12.36 लाख से अधिक अभ्यर्थी पास हुए हैं.

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