"उनका फोन स्विच ऑफ": IAS अधिकारी को दिल्ली सरकार ने जारी किया नोटिस

आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से फैसला दिया कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है.

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आशीष मोरे से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले "लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण" के बाद दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारियों ने कथिततौर पर ऑफिस आना बंद कर दिया है. दिल्‍ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार के सर्विस विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वरिष्ठ आईएएस अफसर  सेक्रेटरी सर्विस आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि क्यों ना आप के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाए?

नोटिस में कहा गया है कि आशीष मोरे को सर्विस विभाग में नए सचिव की तैनाती के लिए फाइल पेश करने के लिए कहा गया था और उन्होंने सहमति भी जताई थी. लेकिन आईएएस अधिकारी आशीष मोरे मंत्री के सामने फाइल पेश करने की बजाय बिना सूचना के सचिवालय से निकल गए. आशीष मोरे ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया, फोन स्विच ऑफ कर लिया. आशीष मोरे ने जानबूझकर फोन कॉल का जवाब नहीं दिया. आशीष मोरे के घर एक ऑफिशल नोट भी भेजा गया, लेकिन घर पर मौजूद होते हुए उन्होंने रिसीव नहीं किया, तो ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया. 

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आशीष मोरे पॉलिटिकली न्यूट्रल नहीं है, उन्होंने जानबूझकर संविधान की सही स्थिति को लागू ना करने का फैसला किया. आशीष मोरे ने खुद तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं करवाया, साथ ही अपने अधीनस्थ स्पेशल सेक्रेट्री सर्विसेज से एक नोट जारी करके कहलवाया कि गृह मंत्रालय के निर्देश नहीं आए हैं. इसलिए सर्विस मिनिस्टर के निर्देश लागू नहीं किए जा सकते. आशीष मोरे से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है.

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उन्‍होंने कहा कि दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारी जो काम पर नहीं आ रहे हैं, उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा. उनको 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया जाएगा, लेकिन यह स्थिति कम ही अधिकारियों की है. बहुत से विभाग, बल्कि मैं तो कहूंगी तकरीबन सारे विभाग जो दिल्ली सरकार के हैं, पूरी क्षमता और बेहतर प्रदर्शन के साथ और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेश का पालन करते हुए, अब अपना पूरा काम कर रहे हैं. जो अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे, उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

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बता दें कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की विधायी और शासकीय शक्तियों से जुड़े कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से फैसला दिया कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है.

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आम आदमी पार्टी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "चुनी हुई सरकार के पास अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति का अधिकार होगा. चुनी हुई सरकार के जरिए ही अधिकारी काम करेंगे. दिल्ली के लोगों के काम को रोकने के लिए उपराज्यपाल के पास अधिकारियों को आदेश देने की कोई शक्ति नहीं होगी."

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