देश में होने वाली छोटी-बड़ी ऑनलाइन परीक्षा में ऑनलाइन सेंध लगाकर पेपर सॉल्व करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ हुआ है. परीक्षा हल करने के लिए इस गैंग का सरगना ने रूस के हैकरों तक से मदद ले चुका है. दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने राज तेवतिया और उसके सिंडिकेट के पांच साथियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि ये लोग GMAT, JEE से लेकर आर्मी और नेवी तक की ऑनलाइन परीक्षा में ऑनलाइन हैकिंग कर उनके पेपर सॉल्व करते थे. इस गैंग के 3 लोग मुंबई से गिरफ्तार हुए हैं, 2 दिल्ली से जबकि एक राजस्थान से गिरफ्तार हुआ है. तीनों मॉड्यूल का अलग अलग काम था.
साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया, "मुंबई वाला मोड्यूल कैंडिडेट खोजकर उनको दूसरे मोड्यूल से जोड़ता था. दिल्ली और गुरुग्राम से पकड़े गए लोग सॉल्वर मुहैया कराते थे. तीसरा मॉड्यूल राजस्थान का था जिसमें राज तेवतिया था, वो एग्जाम की हैकिंग में शामिल था."
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पुलिस के मुताबिक इस गैंग तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी. इसके लिए दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को GMAT एग्जाम देने वाला कैंडिडेट बताकर गैंग से संपर्क किया गया. गैंग के लोगों ने एग्जाम पास कराने के लिए 3 लाख में डील की. सिपाही कैंडिडेट से अपने लैपटॉप में 'ultraviewer' सॉफ्टवेयर डाऊनलोड करने के लिए कहा गया.
ऐसा करते ही बीते 26 दिसम्बर को हो रहे एग्जाम में कैंडिडेट के लैपटॉप का एक्सेस रिमोट के जरिए दूर बैठे सॉल्वर के लैपटॉप में आ गया. इस एग्जाम में दिल्ली पुलिस के सिपाही का स्कोर 800 में 780 आया. इन 97 फीसदी अंकों में उसे भारत के किसी भी टॉप एमबीए कॉलेज में एडमिशन मिल सकता था.
इस डील के बाद ही पूरे गैंग का पता चला और मुंबई ,दिल्ली ,जयपुर और गुरुग्राम से सभी आरोपी पकड़े गए. मास्टरमाइंड राज तेवतिया पिछले 5 साल से ऑनलाइन एग्जाम हैकिंग के गोरखधंधे में शामिल है. 2018 में वो रूस गया था और वहां उसने वहां के कुछ हैकरों की मदद भी ली थी. रूस का एक हैकर उसके साथ भारत में लॉकडाउन के वक्त रहा रहा था. राज तेवतिया पर हरियाणा पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा हुआ था जबकि सीबीआई को भी उसकी तलाश थी.
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इस गैंग के जरिए पिछले 3 साल में 500 से ज्यादा कैंडिडेट अलग अलग एग्जाम पास कर चुके हैं. कई एग्जाम सेंटरों के लोग भी इनसे मिले हुए थे. दिल्ली और मुंबई में कुछ एग्जाम सेंटर भी यही लोग चला रहे थे.
इस गैंग में मुंबई से गिरफ्तार आरोपी ए धुन्ना बी कॉम कर चुका है और मुंबई में CISCO ट्रेनिंग सेंटर चलाता है. उसके सेंटर में 25 लोग काम करते हैं. मुम्बई से गिरफ्तार दूसरा आरोपी एस धुन्ना ने मुम्बई से बीटेक किया है और वो अपने भाई ए धुन्ना के साथ ट्रेनिंग सेंटर चलाता है. तीसरा आरोपी मुंबई से गिरफ्तार एच शाह ने बीकॉम किया है. चौथे आरोपी दिल्ली के पीतमपुरा का रहने वाला के गोयल बीए कर चुका है. वो दिल्ली में साइट लर्निंग के नाम से एक ट्रेनिंग सेंटर चलाता है. पांचवा आरोपी करनाल का रहने वाला एम शर्मा मेकैनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक कर चुका है और पहले GMAT एग्जाम देने वालों को कोचिंग देता था.
छठा आरोपी मास्टरमाइंड राज तेवतिया पलवल का रहने वाला है. उसने बीए फर्स्ट ईयर के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. फिर 2017 से वो लगातार वो ऑनलाइन एग्जाम की हैकिंग कर रहा है.