बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस आज विरोध प्रदर्शन कर रही है. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आज प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) और अन्य कांग्रेस नेताओं को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय के बाहर से हिरासत में लिया. इस बीच इस पूरे मामले पर राजद नेता शिवानंद तिवारी की प्रतिक्रया आई है. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस मज़बूत तेवर के साथ सड़क पर उतरी है. यह शुभ संकेत है. जिस प्रकार कांग्रेस के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को सरकार द्वारा रोकने की कोशिश की गई, वैसा आजादी के बाद देश के इतिहास में कभी देखा नहीं गया.
सोनिया गांधी के आवास सहित कांग्रेस मुख्यालय पर सैकड़ों की तादाद में पुलिस वालों को खड़ा कर दिया गया. इस प्रकार एक राजनीतिक पार्टी को अपना कार्यक्रम करने के लोकतांत्रिक अधिकार से जबरन रोकने की सरकार द्वारा कोशिश की गई. यह लोकतंत्र की हत्या करने के समान है.
सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है. हर घर घर झंडा का अभियान चला रही है. आजादी की लड़ाई या उसके बाद वर्षों तक जिस तिरंगे को इन्होंने मान्यता नहीं दी, आज उसके प्रति आदर के ढोंग का प्रदर्शन किया जा रहा है. देश के साथ प्रेम और भक्ति भाव देश के हर नागरिक के मन का स्वभाविक भाव है. उसके प्रदर्शन में स्वाभाविकता नहीं बल्कि ढोंग का भाव ही झलक रहा है.
26 जनवरी 1930 को संपूर्ण देश में तिरंगा फहरा कर स्वराज की घोषणा की गई थी. वह तिरंगा आज़ादी, लोकतंत्र , बराबरी और भाईचारे का प्रतीक माना गया था. आज घर-घर झंडा के ढोंग के साथ लोकतंत्र को कुचलने की निंदनीय कोशिश हो रही है. इसलिए सवाल सिर्फ़ कांग्रेस का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को बचाने का है. लोकतंत्र का जहां भी दमन करने की कोशिश हो रही है उसका विरोध किया जाना चाहिए. एक राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस को शांतिपूर्ण ढंग से अपना कार्यक्रम करने का अधिकार है. उस अधिकार को कुचलने का विरोध लोकतंत्र के हर हिमायती द्वारा किया जाना आज का आपद धर्म है.
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