शिवसेना बनाम शिवसेना : शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्‍यता मामले में महाराष्‍ट्र विधानसभा अध्‍यक्ष को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस 

सुनील प्रभु ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है.  

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सुनील प्रभु ने अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता मामले का परीक्षण करेगा. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्‍ट्र विधानसभा के स्‍पीकर को नोटिस जारी किया है. साथ ही दो हफ्ते में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता के मामले में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के विधायक सुनील प्रभु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रहा है.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. 

सुनील प्रभु ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है.  

सुनील प्रभु ने अपनी याचिका में कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई के अपने फैसले में स्पीकर से लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर उचित अवधि के भीतर फैसला करने के लिए कहा था, लेकिन स्पीकर ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है. 

उन्होंने कहा कि वह पहले ही इस संबंध में स्पीकर को तीन ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है. 

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