शिवसेना बनाम शिवसेना मामला : पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही

वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याद रखें कि यह दल-बदल विरोधी कानून है, न कि असहमति विरोधी कानून. इसे असहमति विरोधी कानून में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है.

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शिवसेना बनाम शिवसेना मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.
नई दिल्ली:

शिवसेना बनाम शिवसेना मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. मामले पर पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. एकनाश शिंदे गुट के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बहस शुरू की. उद्धव ठाकरे ग्रुप की बड़ी बेंच को मामला भेजने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि नेबाम राबिया मामले की समीक्षा के लिए एक बड़ी पीठ की आवश्यकता नहीं है. ये दलील गलत है कि दल-बदल विरोधी कानून दल-बदल को रोकने में विफल रहा है. कोई भी कानून नैतिकता द्वारा छोड़े गए शून्य को नहीं भर सकता है.

वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याद रखें कि यह दल-बदल विरोधी कानून है, न कि असहमति विरोधी कानून. इसे असहमति विरोधी कानून में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है. अपने विधायकों का विश्वास खो देने वाले नेता के लिए दल-बदल विरोधी कानून कोई हथियार नहीं है. राजनीतिक नैतिकता नाम की भी कोई चीज होती है. अदालतों को इन सब से दूर रहना चाहिए. ये बहुत जटिल सवाल हैं.

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