"विश्वासघात के कारण शिवसेना बदनाम...": एकनाथ शिंदे के गढ़ में बोले उद्धव ठाकरे

उद्धव  ठाकरे ने कहा, "जो चले गए हैं, उनके लिए शोक करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि असली सैनिक 'मशाल' (पार्टी के प्रतीक) को रोशन करेंगे."

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उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के ठाणे शहर में स्वर्गीय आनंद दिघे की जयंती की पूर्व संध्या पर एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया.
ठाणे (मुंबई):

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के ठाणे शहर में स्वर्गीय आनंद दिघे की जयंती की पूर्व संध्या पर एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया. ठाणे में आनंद दिघे एक बेहद लोकप्रिय राजनेता माने जाते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुरु माने जाते हैं. आनंद दिघे की व्यापक लोकप्रियता ने ठाणे को अविभाजित सेना की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक बना दिया था, लेकिन पिछले जून में शिंदे के विद्रोह के कारण क्षेत्र के लगभग सभी बड़े नेता और कार्यकर्ता बालासाहेबंची शिवसेना में चले गए.

पार्टी को मजबूत करने का प्रयास

उद्धव ठाकरे की यात्रा के साथ-साथ दिघे की वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित मेगा मेडिकल शिविर को ठाणे में शिवसेना (यूबीटी) के पुनर्निर्माण के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने दशकों से ठाणे में शिवसेना आंदोलन के वास्तविक केंद्र आनंद मठ में दिघे को पुष्पांजलि अर्पित की. ठाकरे ने कहा कि शिवसेना और महाराष्ट्र को "विश्वासघात और दलबदल" के कारण बदनाम किया गया है. इस बयान को एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों के संदर्भ में माना जा रहा है.

"शिवसेना अपने लक्ष्य से नहीं हटी"

उद्धव  ठाकरे ने कहा कि बृहस्पतिवार की यात्रा "यहां के नागरिकों के स्वास्थ्य" का ख्याल रखने के लिए एक संक्षिप्त यात्रा थी, लेकिन वादा किया कि वह "ठाणेकरों के राजनीतिक स्वास्थ्य" की देखभाल के लिए एक सामूहिक सभा को संबोधित करने के लिए लौटेंगे. उद्धव  ठाकरे ने कहा, "मुझे संतोष है कि वर्तमान खराब स्थिति के बावजूद, शिवसेना अपने लक्ष्य से नहीं हटी है. मुझे इस पर गर्व है. शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने हमें सिखाया है कि 80 प्रतिशत सामाजिक कार्य है और केवल 20 प्रतिशत प्रतिशत राजनीतिक काम. असली सैनिक हमारे साथ हैं."

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"असली सैनिक 'मशाल' रोशन करेंगे"

उद्धव  ठाकरे ने कहा कि जो चले गए, उन्होंने खुद को बेचना पसंद किया. ठाकरे ने पूछा, "क्या आप जानते हैं कि बिक्री का मूल्य क्या था? भीड़ से आवाज आई-50 करोड़ रुपये." ठाकरे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा में भी लगभग 50 करोड़ रुपये के नारे सुने जा रहे थे. उन्होंने दावा किया कि इसका एक वीडियो उन्हें पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत द्वारा दिखाया गया था. उन्होंने कहा, "यह नारे देश भर में सुने गए, लेकिन इस प्रक्रिया में, महाराष्ट्र के साथ-साथ शिवसेना भी बदनाम हुई. जो चले गए हैं, उनके लिए शोक करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि असली सैनिक 'मशाल' (पार्टी के प्रतीक) को रोशन करेंगे." ठाकरे के साथ ठाणे के लोकसभा सांसद राजन विचारे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड भी थे.

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"खून नहीं सिर्फ वोट चाहिए " 

बाद में, एक जैन मंदिर में एक समारोह को संबोधित करते हुए, उद्धव  ठाकरे ने कहा कि उनके पिता भी आशीर्वाद लेने के लिए इस मंदिर में आए थे. आठ दिन पहले प्रसिद्ध 'श्रीनाथजी' (राजस्थान के नाथद्वारा में) का दौरा किया था और अब वह यहां फिर से आशीर्वाद लेने आए हैं. समारोह में एक वक्ता के यह कहने पर कि इकट्ठे हुए लोग उनके लिए अपना खून देने को तैयार हैं, ठाकरे ने कहा कि वह सिर्फ उनका वोट चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समुदाय और उनके पिता के बीच मजबूत संबंध थे. वह यहां 'आचार्यों' का आशीर्वाद लेने आए हैं.

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