PICS : रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बीच दिल्ली में भीषण जल संकट, देखिए पानी के लिए कैसे जूझ रहे हैं लोग

दिल्‍ली में भीषण गर्मी से जूझ रहे लोग जल संकट से भी जूझ रहे हैं. इस दोहरे संकट ने दिल्‍लीवासियों की परेशानी को बढ़ा दिया है.

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दिल्‍ली के निवासियों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
नई दिल्ली:

देश के कई इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी (Extreme Heat) ने इस बार कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में आम लोगों को भीषण गर्मी के साथ ही कई इलाकों में गंभीर जल संकट (Severe Water Crisis) की दोहरी मार से जूझना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि पानी की कमी के कारण दिल्‍ली की बड़ी आबादी का जीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है. ऐसे में बहुत से लोगों के लिए पानी के लिए दिन भर परेशान होना सबसे बड़ा काम रह गया है. 

दिल्‍ली के मुनक नहर और वजीराबाद पॉन्ड दोनों ही स्रोतों में पानी की कमी की वजह से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट मे पेयजल का प्रोडक्शन कम हो रहा है. दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से पेयजल का प्रोडक्शन लगातार कम हो रहा है. 

प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने पानी के कई टैंकर तैनात किए हैं, लेकिन वे आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकते हैं. 

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स्‍थानीय निवासी अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सुबह से ही पानी भरने के लिए बाल्‍टी, कैन और बोतलें लेकर कतार में खड़े हो जाते हैं और दिल्‍ली जल बोर्ड के टैंकरों के आने का इंतजार करते हैं.

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शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं, पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार की आलोचना की और जानना चाहा कि बार-बार होने वाली समस्या को कम करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं. 

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एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली को प्रतिदिन 1,300 मिलियन गैलन पानी की जरूरत होती है, जिसमें से दिल्ली जल बोर्ड केवल अनुमानित 1,000 एमजीडी का उत्पादन ही करता है. 

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दिल्लीवासी गर्मी और जल संकट की दोहरी मार झेल रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. साथ ही हरियाणा को इसके प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए कहा है. 

जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली में जल का प्रोडक्‍शन लगातार कम हो रहा है, क्योंकि यहां पर यमुना नदी में कम पानी पहुंच रहा है.

आंकड़े साझा करते हुए दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि 6 जून को प्रोडक्‍शन 1,002 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) था और अगले दिन घटकर 993 एमजीडी और 8 जून को 990 एमजीडी हो गया.

आतिशी ने बताया कि 9 जून को प्रोडक्‍शन घटकर 978 एमजीडी और अगले दिन 958 एमजीडी था. मंत्री ने बताया कि 1, 12 और 13 जून को प्रोडक्‍शन क्रमशः 919 एमजीडी, 951 एमजीडी और 939 एमजीडी था. 

साथ ही उन्‍होंने बताया कि 1005 एमजीडी पानी के प्रोडक्शन की बजाय दिल्ली में 14 जून को केवल 932 एमजीडी पानी का प्रोडक्शन हुआ है. यानी दिल्ली में 70 एमजीडी से ज्यादा पानी की कमी है. यही वजह है कि दिल्ली के कई इलाकों में पानी की ज्यादा किल्लत हो गई है. इसे दूर करने के लिए कई स्थानों पर इमरजेंसी बोरवेल किए गए हैं और टैंकरों की मदद भी ली जा रही है. 

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