नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार ने नवंबर 2016 में तब प्रचलित पांच सौ और हजार रुपये के नोटों का चलन बंद कर दिया था

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प्रतीकात्मक फोटो.
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  • सुप्रीम कोर्ट की नई संविधान पीठ में पहला मामला नोटबंदी का
  • नोटबंदी के आदेश के खिलाफ याचिका 2016 में ही दाखिल हुई थी
  • 500 व 1,000 रुपये के नोट 8 नंवंबर 2016 को रात 12 बजे में रद्द हुए थे
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नई दिल्ली:

नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी. संविधान पीठ केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ आईं तमाम याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.  

सुप्रीम कोर्ट में गठित नई संविधान पीठ में पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती का आया है. इस बारे में याचिका 2016 में ही दाखिल हुई थी. उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार ने तब प्रचलित पांच सौ और हजार रुपये का चलन बंद कर दिया था. तब विवेक नारायण शर्मा ने याचिका दाखिल कर सरकार के इस कदम को चुनौती दी थी. इस याचिका के बाद 57 और याचिकाएं दाखिल की गई थीं. अब इन सब पर एक साथ सुनवाई चलेगी. 

8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे समूचे देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी, और देश में उस समय तक चल रहे 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को उसी रात 12 बजे से रद्द कर दिया गया था. इसके बाद 500 रुपये का नई सीरीज़ का नोट तो जारी कर दिया गया, लेकिन 1,000 रुपये का कोई नोट अब भारत में प्रचलित नहीं है. उसके स्थान पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2,000 रुपये का नई सीरीज़ का नोट जारी किया था.

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सुप्रीम कोर्ट में एक नई संविधान पीठ का गठन किया गया है. जिसके सामने पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती देने का है. इस हफ्ते में यह चौथी संविधान पीठ है. चीफ जस्टिस यूयू ललित ने एक और संविधान पीठ का गठन किया है. इसकी अगुआई जस्टिस एस अब्दुल नजीर करेंगे. इस संविधान पीठ में अन्य जज जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामा सुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना होंगे. इस संविधान पीठ के सामने भी पांच अहम मुद्दे विचारार्थ होंगे.

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