केरल में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने कहा कि केरल ‘ गॉड्स आउन कंट्री से डॉग्स आउन कंट्री बन गया है. हाल ही में 12 साल की बच्ची की मौत कुत्ते के काटने से हो गई. जबकि कुत्ते को एंटी रेबीज वैक्सीन लगी हुई थी. वी के बीजू ने CJI यू यू ललित की बेंच को बताया कि 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने कुत्ते के काटने से संबंधित शिकायतों से निपटने और पीड़ितों के लिए मुआवजे का निर्धारण करने के लिए केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एस सिरिजगन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया था.
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वकील ने 5 वर्षों में 10 लाख कुत्तों के काटने के चौंकाने वाले आंकड़े का उल्लेख करने के बाद जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. वकील ने कहा ग्रामीणों, स्कूल जाने वाले बच्चों, महिलाओं, उन पर हमले हो रहे है. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जो विशेष रूप से गरीब लोगों को प्रभावित कर रहा है. CJI ललित नौ सितंबर को मामलों की खेप सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए हैं.
साल 2016 में, जस्टिस सिरी जगन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. जिसमें कहा गया था कि "अत्यधिक" आवारा कुत्तों की आबादी सार्वजनिक सुरक्षा के लिए "बहुत गंभीर खतरा" बनी रहेगी, जब तक कि इसे "प्रबंधनीय स्तर" तक नहीं लाया जाता.
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