करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वधावन बंधुओं की जमानत रद्द की

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि  हमें इस बात में कोई झिझक नहीं है कि चार्जशीट दाखिल होने और उचित समय पर संज्ञान लेने के बाद आरोपी अधिकार के रूप में वैधानिक जमानत का दावा नहीं कर सकते.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

करोड़ों रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में  DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.  कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के वैधानिक जमानत के फैसले को रद्द कर दिया है. कपिल वधावन और उनके भाई को तुरंत हिरासत में लेने के निर्देश दिए गए हैं.  कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि  हमें इस बात में कोई झिझक नहीं है कि चार्जशीट दाखिल होने और उचित समय पर संज्ञान लेने के बाद आरोपी अधिकार के रूप में वैधानिक जमानत का दावा नहीं कर सकते. हाईकोर्ट और निचली अदालत ने बहुत गलती की. ट्रायल कोर्ट नियमित जमानत पर नए सिरे से सुनवाई करे. वधावन 34,615 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं.

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत अगर जांच एजेंसी 60 या 90 दिनों की अवधि के भीतर किसी आपराधिक मामले में जांच के निष्कर्ष पर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहती है तो आरोपी वैधानिक जमानत पाने का हकदार हो जाता है. इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज करने के 88वें दिन आरोप पत्र दाखिल किया जिसके बाद निचली अदालत ने आरोपी को जमानत दे दी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश को बरकरार रखा. वधावन बंधुओं को पिछले साल 19 जुलाई को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले में 15 अक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया और इस पर संज्ञान लिया गया. मामले में प्राथमिकी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई एक शिकायत पर आधारित थी.

Featured Video Of The Day
Golden Temple Pakistan Conspiracy: अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर नजर थी आतंकियों की | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article