नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के 12 अगस्त को प्रस्तावित चुनाव पर रोक लगाने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इंकार कर दिया है. हरियाणा एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन ने खुद को भी इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल करने की गुहार लगाई थी. इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी.
अदालत ने याचिकाकर्ता आंध्र प्रदेश रेसलिंग फेडरेशन को सलाह दी कि वो स्टे लगाने वाले हाईकोर्ट में ही अपनी ये दलीलें रखने की गुहार वाली अर्जी लगाए. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट जाकर रोक हटाने की गुहार लगाने के बजाय सीधा सुप्रीम कोर्ट आ गए. सुप्रीम कोर्ट में 17 अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका लगाई. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट का रास्ता दिखा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा. आंध्र प्रदेश रेसलिंग एसोसिएशन की दलील है कि एक संगठन की वजह से पूरे महासंघ के चुनाव पर रोक लगाना उचित नहीं, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय पहलवानों के हिस्सा लेने में दिक्कत हो रही है. चुनाव ना होने से यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता भी इसी वजह से रद्द कर दी है.
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