पश्चिम बंगाल में प्राथमिक विद्यालयों में 42 हजार सहायक शिक्षकों के चयन में अनियमितताओं की CBI जांच कराने की गुहार वाली याचिका को सुनवाई योग्य मानने को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि अभी तो इस मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस ही जारी किया है. आप चाहें तो इसे हाई कोर्ट में ही चुनौती दे सकते हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट राकेश द्ववेदी ने तीन कानूनी बिंदुओं पर कोर्ट का ध्यान दिलाते हुए इस पर सुनवाई का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 2014 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा पर आपत्ति जताते हुए अब आठ साल बाद याचिका दाखिल की गई है. अब इसका क्या तुक बनती है? ये गलत नीयत से उठाया गया विवाद और दाखिल की गई अर्जी है. दूसरी पहलू ये है कि सेवा मामले में यानी सर्विस के मामले में जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. तीसरा पहलू यह कि इस संबंध में पहले भी दाखिल एक जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने ही खारिज कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया.