यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने विचार करने से इनकार किया है. याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को वापस लेने और सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने देश में UCC की मांग करने वाले चार मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा दायर चार अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. CJI ने कहा, आप खुद दिल्ली हाईकोर्ट गए थे. आप लंबित मामलों में हस्तक्षेप करें, हम कार्यवाही को क्यों बढ़ाएं ? हम कहेंगे कि आप दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को वापस लें और नई याचिकाएं दाखिल करें.
याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया था कि SC इन्हें पुरुषों व महिलाओं के लिए विवाह की एक समान आयु, तलाक, दत्तक ग्रहण और संरक्षकता, भरण पोषण और गुजारा भत्ता, उत्तराधिकार और विरासत के मुद्दों पर दाखिल याचिकाओं के साथ जोड़ सकता है. इन याचिकाओं पर 30 सितंबर को सुनवाई होनी है. हैदराबाद स्थित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर ने दाखिल की याचिका. याचिकाकर्ता फिरोज बख्त अहमद स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल कलाम आजाद के पोते हैं. इसके अलावा तीन अन्य याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं.
याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी लंबित याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी. केंद्र को यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का निर्देश देने की मांग की. याचिका में कहा गया कि लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा को सुरक्षित करने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता की आवश्यकता. यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए केंद्र सीधे न्यायिक आयोग या उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन करे.
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