मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट पर मतों की गिनती के दौरान उम्मीदवार रवींद्र वायकर के सहयोगी ने एक अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल फोन का अनाधिकृत रूप से इस्तेमाल किया था. यह मामला रविवार से काफी चर्चाओं में बना हुआ है. इतना ही नहीं इस मामले के चलते रिटर्निंग अधिकारी ने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई है और चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए एक प्रेस नोट भी शेयर किया है. हालांकि, संजय निरुपम ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है.
संजय निरुपम ने कहा, "कल जो विषय पूरे देश में गूंज रहा था कि उत्तर पश्चिम सीट के विजेता रवींद्र वायकर के सहयोगी ने फोन के जरिए ईवीएम को अनलॉक किया है वो पूरी तरह से गलत है". उन्होंने कहा, "देश के कई बड़े नेता ने इस पर फेक नरेटिव को उठाया है. देश के ऐसे हालात हैं कि जिस अखबार में यह खबर छपी है उसने माफी मांगी है. ऐसे में उन नेताओं को भी माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने इस गलत खबर को आगे बढ़ाया है".
उन्होंने कहा, "पहले राहुग गांधी माफी मांगे जिन्होंने देश का पीएम बनने का सपना संजोया है, फिर अखिलेश यादव भी माफी मांगे. तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर को भी माफी मांगनी चाहिए. आदित्य ठाकरे को भी इस मुद्दे पर माफी मांगनी जचाहिए. आदित्य ने भी कहा था कि ईवीएम हैक हुआ है".
संजय निरुपम ने कहा, "भारत का चुनाव आयोग इतने बड़े देश में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराता है और इसके लिए उनकी तारीफ करने की बजाए फर्जी खबर चलाई जा रही है और इस आधार पर नरेटिव सेट किया जा रहा है. सामना को भी माफी मांगनी चाहिए. वानराई के खिलाफ पुलिस स्टेशन में जो केस दर्ज हुआ है उसमें ईवीएम हैक का कोई मुद्दा नहीं है और न ही ओटीपी का कोई मुद्दा है. उसमें सिर्फ मतगणना केंद्र में फोन का इस्तेमाल किए जाने का मामला है".
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