आरजी कर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता की अर्जी पर सुनवाई से किया इनकार

⁠सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी पर कलकत्ता हाईकोर्ट सुनवाई कर सकता है. ⁠CJI संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे. ⁠याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के सामने मामले को उठाने की छूट है.

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पीड़िता के माता-पिता ने दूसरे लोगों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे जांच की मांग की थी.
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में से जुड़ी एक अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. दरअसल पीड़िता के माता-पिता ने नए सिरे से जांच की अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी. जिसपर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. ⁠सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी पर कलकत्ता हाईकोर्ट सुनवाई कर सकता है. ⁠CJI संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे. ⁠याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के सामने मामले को उठाने की छूट है. पीड़िता के माता-पिता ने इस मामले में दूसरे लोगों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे जांच की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के माता-पिता इस नई अर्जी को हाईकोर्ट में दायर करें. हाईकोर्ट में ही अपनी बात रखें. हम अपनी ओर से इस अर्जी पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे है. हाईकोर्ट के जज अपने विवेक से इस नई अर्जी पर फैसला लें.  सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़े मुख्य मामले की सुनवाई 13 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में होगी.

दोषी को दी गई है मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा

बता दें कि डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में हुई थी. इस घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हुए थे. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंप दिया था, जिसने 14 अगस्त को अपनी जांच शुरू की. वहीं जांच और सुनवाई के बाद, एक सत्र अदालत ने में मामले के एकमात्र आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया था और मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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