सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति बरकरार रहेगी. केंद्र का 13 नवंबर 2020 का एक साल के एक्सटेंशन का आदेश बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय मिश्रा को नवंबर 2021 के बाद आगे एक्सटेंशन नहीं मिलेगा. केंद्र के पास विस्तार करने का अधिकार है, लेकिन इसे असाधारण हालात में ही किया जा सकता है.. प्रवर्तन निदेशालय ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को सेवा विस्तार देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस एल नागेश्वर रॉव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को सेवा विस्तार देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस नागेश्वर राव की पीठ ने याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा और उन्हें अपना पक्ष लिखित में रखने को कहा. याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज ने कहा है कि मिश्रा को अब कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि वह पहले ही अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और एक विस्तार भी मिल चुका है. ऐसे गैरकानूनी विस्तारों से ईडी निदेशक कार्यालय की स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा.
याचिकाकर्ता ने 13 नवंबर 2020 को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें मिश्रा का कार्यकाल संशोधन कर एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया. कहा गया है कि मिश्रा का सेवा विस्तार प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मजाक है . विनीत नारायण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार ने 2019 के आदेश को संशोधित किया है और सेवा विस्तार की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष किया है. इसके बावजूद मई 2020 में सेवानिवृत्त होनेवाले अधिकारी को 2021 तक फिर से नियुक्त किया गया है. संगठन ने पूछा है कि क्या सरकार नियमों और सांविधानिक जनादेश का उल्लंघन कर सकती है. केंद्र सरकार प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार और अन्य के केस में दिए गए दिशानिर्देशों से बाध्य है और सेवा विस्तार आगे नहीं दिया जा सकता.