केदारनाथ धाम यात्रा के लिए पंजीकरण 8 मई तक के लिए निलंबित, खराब मौसम बना वजह

बुधवार को ही केदारनाथ घाटी में कुबेर हिमनद का एक बड़ा हिस्सा टूटकर पैदल मार्ग पर आ गिरा था. जिससे पूरा मार्ग बर्फ से ढक गया था.

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4 मई तक 1.23 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.
देहरादून:

केदारघाटी में मौसम खराब रहने की संभावना को देखते हुए केदारनाथ धाम यात्रा के लिए पंजीकरण 8 मई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. दरअसल अगले 3 से 4 दिनों तक केदारघाटी में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है. जिसके चलते उत्तराखंड सरकार ने ये फैसला लिया है. केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे और  4 मई तक 1.23 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.

वर्ष 2013 की आपदा से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में लगातार जारी प्रतिकूल मौसमी दशाओं के बीच चारधाम, विशेषकर केदारनाथ यात्रा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रही है. भारी बर्फबारी और बारिश के कारण बुधवार को न केवल केदारनाथ यात्रा स्थगित रखी गई बल्कि धाम की ओर आ रहे श्रद्धालुओं को ऋषिकेश, श्रीनगर, फाटा, गौरीकुंड सहित विभिन्न पड़ावों में रोक लिया गया. हालांकि बृहस्पतिवार को मौसम में कुछ सुधार आने के साथ ही केदारनाथ यात्रा फिर शुरू कर दी गयी.

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि खराब मौसम के कारण यात्रा को रोकने का निर्णय लिया गया था. जिससे यात्रियों को किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से बचाया जा सका. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की संभावित विपत्ति से निपटने के लिए पूरी तैयारी थी, हालांकि इस दौरान कोई भी बड़ा नुकसान केदारनाथ में नहीं हुआ जिसकी लगातार आशंका बनी हुई थी.

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बुधवार को ही केदारनाथ घाटी में कुबेर हिमनद का एक बड़ा हिस्सा टूटकर पैदल मार्ग पर आ गिरा था. जिससे पूरा मार्ग बर्फ से ढक गया था. इसके अलावा लिंचोली से केदारनाथ आ रहे नेपाली मूल के चार पोर्टर भी हिमनद के टूटने से बर्फ में फंस गए जिन्हें राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने अत्यंत विषम परिस्थितियों में मौके पर पहुंच कर सुरक्षित बाहर निकाला. (भाषा इनपुट के साथ)

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