क्या-क्या होगा दिल्ली के छात्रों के ‘राष्ट्रनीति’ चैप्टर में...किन-किन का होगा जिक्र?

शैक्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत ‘राष्ट्रनीति’ नामक अध्याय को पहली कक्षा से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों में नागरिक जागरूकता, नैतिक शासन और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली सरकार स्कूलों में राष्ट्रनीति नाम से नए चैप्टर जोड़ने की तैयारी में है
  • पाठ्यक्रम कक्षा 1 से बारहवीं तक के छात्रों में नागरिक जागरूकता और सामाजिक चेतना बढ़ाने के उद्देश्य लाया गया है
  • पाठ्यक्रम में RSS के इतिहास, उसकी विचारधारा, स्वतंत्रता संग्राम में योगदानपर विस्तृत जानकारी दी जाएगी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को जल्द ही एक नए शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति' के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिसमें विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल सहित स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पाठ शामिल होंगे. सूद ने कहा, 'छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना पैदा करने तथा मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस कार्यक्रम के तहत आरएसएस पर अध्याय जोड़ा जा रहा है.'

कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों का पढ़ाया जाएगा पाठ

शैक्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत ‘राष्ट्रनीति' नामक अध्याय को पहली कक्षा से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों में नागरिक जागरूकता, नैतिक शासन और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि पाठ्यक्रम के तहत, बच्चों को आरएसएस के गठन और इतिहास, उसकी विचारधारा और प्राकृतिक आपदाओं व स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सहायता प्रदान करने में उसके स्वयंसेवकों की भूमिका के बारे में पढ़ाया जाएगा. इन पाठों का उद्देश्य संगठन के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करना भी है.

सूत्र के अनुसार, पाठ में उल्लिखित योगदान स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की भागीदारी के साथ-साथ उसके सामाजिक कार्यों, जैसे रक्तदान अभियान, खाद्य आपूर्ति, केदारनाथ और बिहार बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान बचाव प्रयास और कोविड महामारी के दौरान राहत गतिविधियों पर प्रकाश डालेंगे.

आरएसएस के इतिहास इतिहास का भी होगा उल्लेख

इस अध्याय में 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित आरएसएस के इतिहास का भी उल्लेख किया जाएगा. इसमें सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व पर संगठन के फोकस को रेखांकित किया जाएगा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे नेताओं का उल्लेख किया जाएगा जो इससे जुड़े रहे हैं.

शिक्षक पुस्तिकाएं भी हुई है तैयार

सूत्र ने बताया कि एक अलग खंड गुमनाम नायकों के लिए समर्पित होगा. छात्र विनायक दामोदर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे.  उन्होंने कहा कि शिक्षक पुस्तिकाएं पहले ही तैयार कर ली गई हैं और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी पर अभी भी चर्चा की जा रही है, जिसमें यह निर्णय भी शामिल है कि कौन से कक्षा समूह नए अध्यायों का अध्ययन करेंगे. 

Featured Video Of The Day
Bihar Election Result: NDA के Vote Share में इजाफा, जानिए 47% कैसे पहुंचा वोट शेयर? | Nitish Kumar
Topics mentioned in this article