सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में CJI एन वी रमना की अगुआई वाली तीन जजों की पीठ ने रेप के आरोपी ऑटोरिक्शा चालक की जमानत अर्जी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. ऑटो चालक की ओर से दी गई दलीलों को सिरे से नकारते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी भी खारिज कर दी. जस्टिस हिमा कोहली ने आरोपी के वकील से कहा कि पीड़िता गलियों में बदहवास सी अर्धनग्न अवस्था में मदद के लिए चिल्लाते हुए भाग रही थी और आप इतने जघन्य अपराध के आरोपी होकर भी यहां जमानत के लिए आए हैं. आरोपी के वकील ने दलील दी कि आपसी सहमति से संबंध बने थे. मेडिकल जांच में भी कोई चोट नहीं पाई गई है.
इसके बाद फिर पीठ ने आरोपी से पूछा कि एक अजनबी शहर में आती है, उसे नशा दे कर रेप किया जाता है. अब आप अजीब सी दलील दे रहे हैं कि उसके कोई चोट नहीं थी. पहली बार हम ऐसी बातें सुन रहे हैं, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर रेप को आपसी सहमति से बनाया गया संबंध बताया जा रहा है.
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पीट ने कहा कि आप रिपोर्ट की बात कह रहे हैं, लेकिन पीड़िता और इलाके के चश्मदीद जिन्होंने उसे सड़कों पर चिल्लाते हुए देखा वो भी कह रहे हैं कि रेप हुआ था. वकील ने फिर कहा कि वो वसूली और ब्लैकमेलिंग का मामला है, जिसमें पहले आपसी सहमति से संबंध बनाए जाते हैं और फिर रेप का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर धन वसूला जाता है.
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इस पर कोर्ट ने कहा कि आप ऑटो रिक्शा चलाते हैं और आपसे क्या वसूली की जा सकती है. ये रेप का ही मामला है. आपकी अर्जी खारिज की जाती है.
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