Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया. राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने ही किया था और अब ध्वजारोहण के साथ तीन मंजिला राम मंदिर निर्माण का पूरा मान लिया गया है. लेकिन राम मंदिर से जुड़े दिलचस्प तथ्य आपको पता हैं क्या. जैसे राम मंदिर निर्माण में कितना सोना लगा है, ये भी कौतूहल का विषय रहा है.
जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर में करीब 45 किलोग्राम शिखर से लेकर मंदिर के विभिन्न स्थानों पर लगा है. इसकी कीमत करीब 56.25 करोड़ आज के हिसाब से है. यह सोना राम मंदिर के भूतल के पवित्र द्वारों और रामलला के सिंहासन को सजाने और शिखर पर लगाया गया है. भगवान राम के सिंहासन में भी काफी सोना लगा है. उसके शिखर पर बना कलश भी स्वर्णजड़ित है. राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्रीराम, सीता मां, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और बजरंगबली भी राम दरबार में सुशोभित हैं. इसमें भी थोड़ा सोना मुकुट और आभूषणों आदि में लगा है.
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राम मंदिर निर्माण में कितना खर्च
राम मंदिर निर्माण में मार्च 2025 तक 2150 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि इस खर्च में 272 करोड़ रुपये का जीएसटी भी शामिल है. तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल में रामलला, प्रथम तल में राम दरबार बनाया गया है. इसमें सप्त मंदिर बनाए गए हैं. मां लक्ष्मी, शेषावतार, भगवान विष्णु और अन्य मंदिर भी बनाए गए हैं.
- 3000 करोड़ से ज्यादा का दान राम मंदिर को मिला
- 2150 करोड़ रुपये मार्च 2025 तक खर्च हुए
- 45 करोड़ भक्त दर्शन कर चुके नवंबर 2025 तक
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राम मंदिर निर्माण में कितना पत्थर लगा
राम मंदिर निर्माण में करीब 4 लाख घन फुट पत्थर का इस्तेमाल होने की बात है. इसमें राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से 2.75 लाख घन फुट संगमरमर भी शामिल है. गर्भगृह में 13 हजार 300 और फर्श बनाने के लिए 95 हजार वर्ग फुट से ज्यादा मकराना मार्बल लगा है. रामलला की मूर्ति कृष्ण शिला पत्थर से बनी है.














