"केंद्र राजनीतिक फायदे के लिए कर रही जांच एजेंसियों का दुरुपयोग, चुनाव में उल्टा पड़ेगा दांव": CM गहलोत

वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) ने सोमवार को एक घंटे के दोपहर के भोजन के अवकाश के लिए ईडी ऑफिस से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा और मेरे परिवार का फेमा या विदेशी लेनदेन से कोई लेना-देना नहीं है."

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सीएम अशोक गहलोत का केंद्र सरकार पर निशाना (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सोमवार को बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी का यह दांव चुनाव में उसके लिए उल्टा साबित होगा, क्योंकि लोग अब चीजें समझ गए हैं. कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता गहलोत ने पत्रकारों के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई, जब सोमवार को उनके बेटे वैभव गहलोत विदेशी मुद्रा उल्लंघन कानून के मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए.

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अशोक गहलोत ने केंद्र पर लगाए आरोप

अब अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. संघीय एजेंसी ने पिछले सप्ताह वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत यहां ए पी जे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित उसके मुख्यालय में इस मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया था. अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में कुछ है नहीं, यह 10-12 साल पुराना मामला है.

जांच एजेंसी ने फेमा के तहत वैभव गहलोत का बयान दर्ज किया, जिसके तहत कानूनी कार्यवाही की प्रकृति दीवानी है. वैभव ने एक घंटे के दोपहर के भोजन के अवकाश के लिए ईडी के कार्यालय से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा और मेरे परिवार का फेमा या विदेशी लेनदेन से कोई लेना-देना नहीं है...उन्होंने मुझे समन के तहत पेश होने के लिए कम समय दिया. मैंने 15 दिन का समय मांगा था...उन्हें मुझे और समय देना चाहिए था.'

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वैभव गहलोत से पूछताछ

इस समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड', ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड' और इसके निदेशकोंऔर प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के हाल में मारे गए छापों से है. एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे. उसने छापेमारी के दौरान ‘आपत्तिजनक' दस्तावेज मिलने का दावा किया था और आरोप लगाया था कि ट्राइटन समूह ‘‘सीमा पार निहितार्थ वाले हवाला लेन-देन में शामिल था.'

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ईडी ने एक बयान में बताया था कि इस छापेमारी के बाद उसने 1.2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी जो आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी और डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल इत्यादि भी जब्त किए गए थे. उसने कहा था कि ये ‘समूह द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए ऐसे लेन-देन को दर्शाते है, जिनका बही-खाते में रिकॉर्ड नहीं है.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)