"उन्होंने अपने लिए जीने के बजाए मिट्टी के लिए मरना...": वीर बाल दिवस कार्यक्रम में PM मोदी

Bharat Mandapam: पीएम मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस (PM Modi In Veer Bal Diwas) अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है. साहिबजादों को अब दुनिया जानेंगी. उन्होंने कहा कि जब अन्याय और अत्याचार का घोर अंधकार था, तब भी निराशा को हावी नहीं होने दिया.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
Veer Bal Diwas: वीर बाल दिवस कार्यक्रम में पीएम मोदी
नई दिल्ली:

भारत मंडपम में आज आयोजित हुए वीर बाल दिवस कार्यक्रम (PM Modi In Veer Bal Diwas) में पीएम मोदी शामिल हुए. इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश आज वीर साहिबजादों की याद कर रहा है.  वीर बाल दिवस शौर्य की याद दिलाता है. जब अन्याय और अत्याचार का दौर था, तब भी हमने निराशा को पल भर के लिए भी हावी नहीं होने दिया. हम भारतीयों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों का सामना किया. हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने उन्होंने अपनों के लिए जीने के बजाय देश के लिए मरना पसंद किया. आज हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं. देश गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है. हमें पंच प्रणों पर चलना होगा. 

ये भी पढ़ें-बुराड़ी अस्पताल छेड़छाड़ केस: सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर लगाए कई आरोप, मिला ये जवाब

ड्रग्स आज देश के लिए बड़ी समस्या-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं को सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए, इसीलिए फिजीकल एक्टिविटी करना जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि ड्रग्स आज राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी समस्या है. इस परेशानी से उबरने में सरकार के साथ समाज और परिवारों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी. ड्रग्स को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा.

Advertisement

Advertisement

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में वीर बाल दिवस के रूप में नया अध्याय शुरु हुआ है. पिछले साल देश ने पहली बार वीर बाल दिवस मनाया था . पूरे देश ने भाव विभोर होकर साहेबजादे को सुना था. वह भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने का प्रतीक हैं. पीएम ने कहा कि शौर्य की पराकाष्ठा के लिए कम आयु मायने नहीं रखती. माता गुजरी और गुरु गोविंद जी और उनके चारो साहिबजादों को राष्ट्र श्रद्धांजलि अप्रित करता है. इसके साथ ही पीएम ने दीवान टोडर मल और मोती लाल नेहरा को भी याद किया.

Advertisement

पूर्वजों ने मिट्टी के लिए मरना पसंद किया-पीएम

पीएम ने कहा कि  वीर बाल दिवस अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है. साहेबजादों को अब दुनिया जानेंगी. उन्होंने कहा कि चमकौर और सरहिंद की लड़ाई इतिहास में मिसाल है. जब अन्याय और अत्याचार का घोर अंधकार था, तब भी निराशा को हावी नहीं होने दिया. हर आयु के हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने अपने लिए जीने के बजाए मिट्टी के लिए मरना पसंद किया. उन्होंने कहा कि आज देश गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है. आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान प्रेरणा है.

Advertisement

वीर बाल दिवस के मौके पर सरकार नागरिकों विशेषकर छोटे बच्चों को साहिबजादों के साहस की कहानी बता रही है. साहबजादों बाबा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के जीवन और बलिदान पर एक डिजिटल प्रदर्शनी देशभर के स्कूलों और बाल देखभाल संस्थानों में प्रदर्शित की जा रही है.  इस मौके पर प्रधानमंत्री के सामने गतका समेत तीन मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया.

कौन हैं साहिबजादे?

1704 में औरंगजेब और गुरु गोविंद सिंह के बीच युद्ध छिड़ा था.  गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे थे, जिनको साहेबजादे कहा जाता था. चमकौर की लड़ाई में गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्र साहिबजादा अजीत सिंह और जुझार सिंह शहीद हो गए जबकि महज 7 साल 9 महीने के जोरावर सिंह, पांच साल के फतेह सिंह और माता गुजरी बिछड़ गए. बाद में इनको सरहिंद के नवाब ने पकड़ कर कैद कर लिया. लेकिन स्वधर्म न छोड़ने और मातृभूमि की रक्षा के लिए जोरावर सिंह और फतेह सिंह ने अपना बलिदान दे दिया. इस दिन को याद करने के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी  ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी.

ये भी पढ़ें-दिल्ली: ट्रांसजेंडर बनकर ई-रिक्शा चालक से छीने पैसे, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Featured Video Of The Day
UP By Election Exit Poll: UP में जहां सबसे अधिक मुसलमान वहां SP को नुकसान | Party Politics | UP News
Topics mentioned in this article