पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्यसभा (RajyaSabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह वर्ष गोवा मुक्ति के 60 वर्ष होने का कालखंड है. जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद और जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई थी, अगर उसी तरह गोवा के लिए भी रणनीति बनाई गई होती तो 15 साल तक गोवा को ज्यादा गुलामी नहीं झेलनी पड़ती. पीएम ने कहा कि तबके प्रधानमंत्री को दुनिया में अपनी छवि बिगड़ने का खतरा था, इसलिए उन्होंने गोवा को 15 साल तक गुलामी में धकेले रखा. पीएम ने कहा कि नेहरू ने सत्याग्रहियों को मदद देने से इनकार कर दिया था.पंडित नेहरू ने तब कहा था, "कोई धोखे में न रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे. कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है. अंदर के लोग चाहते हैं कि हम वहां फौज भेजें, लेकिन हम वहां फौज नहीं भेजेंगे. जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो."
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वेदशी संकल्पों के रास्ते पर चलता. कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार न होता. कांग्रेस न होती तो पंडितों को कश्मीर न छोड़ना पड़ता. बेटियों के तंदूर में जलने की घटनाएं न होतीं, पंजाब नहीं जलता और आम आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना पड़ता.कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न होता. जिन्होंने इमरजेंसी लगाई वे लोकतंत्र की चर्चा कर रहे हैं. पहले छोटी-छोटी बात पर राष्ट्रपति शासन लग जाता था.
पीएम ने इस दौरान उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव का उल्लेख किया और कहा कि इस के माध्यम से हम देश को पिछले 75 वर्षों की तुलना में और अधिक तेजी से प्रगति दे सकते हैं. PM मोदी ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि 200 करोड़ से ऊपर के टेंडर बाहर के लोगों को नहीं दिए जाएंगे. इससे देश के MSME सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलेगा.