प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शुक्रवार, 21 अक्टूबर) केदारनाथ और बद्रीनाथ के दौरे पर हैं. वह वहां चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही कुछ नई परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे. इसके मद्देनजर केदारनाथ-बद्रीनाथ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दोनों धामों में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की यह छठी केदारनाथ धाम यात्रा है.
प्रधानमंत्री सुबह 8 बजे हेलीकॉप्टर से पहले केदारनाथ पहुंचे और बाबा केदारनाथ का दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना की. इसके बाद उन्होंने 9.7 किलोमीटर लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ रज्जूमार्ग (रोप-वे) परियोजना की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री के दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर दोनों धामों के तीर्थ पुरोहित और वहां मौजूद श्रद्धालु भी उत्साहित हैं. केदारनाथ और बद्रीनाथ दोनों मंदिरों को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया है.
पीएम मोदी ने केदारनाथ में विकास परियोजनाओं में काम कर रहे श्रमजीवी लोगों के साथ खुलकर बातचीत भी की. उन्होंने उनसे उनके मूल राज्यों, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभों के बारे में पूछा और उनके कोविड टीकाकरण की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली.
अपने ढाई घंटे के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का भी दर्शन किया. इसके अलावा उन्होंने केदारनाथ में मोदी मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ का निरीक्षण करेंगे तथा वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
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प्रधानमंत्री बद्रीनाथ धाम में दर्शन और पूजा-अर्चना करने के बाद रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे. दोपहर बाद वह बद्रीनाथ के निकट स्थित सीमांत माणा गांव में सड़क और रज्जूमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और लोगों को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह अराइवल (आगमन) प्लाजा और झीलों के सौंदर्यीकरण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
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प्रधानमंत्री शुक्रवार को रात्रि विश्राम बदरीनाथ में करेंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का केदारनाथ-बदरीनाथ का यह दौरा उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने कहा कि इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनायें धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.