अयोध्या (Ayodhya) में रामनवमी (Ram Navami) के मौके पर रामलला के सूर्यतिलक (Surya Tilak) का अद्भुत नजारा देखने को मिला. इस मौके पर रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई. रामलला के दिव्य सूर्यतिलक का नजारा बेहद मनमोहक लग रहा था. रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक तक आई. इस दौरान 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण दिखाई दी. रामलला के सूर्यतिलक का आईडिया प्रधानमंत्री मोदी का है.
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र के मुताबिक़ जब राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य शुरू होने वाला था, तो पीएम ने सुझाव दिया कि प्रत्येक रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ें, हमें इस पर काम करना चाहिए. पीएम ने ना सिर्फ़ सुझाव दिया बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक से कई एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों को इस काम में लगाया. इस प्रकार वैज्ञानिक गणना की गई है कि आने वाले 25 सालों तक सूर्य की किरणें रामनवमी के दिन रामलला की ललाट पर सीधे पहुंचे.
पीएम मोदी अपने नए आइडिया के लिए जाने जाते हैं, रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक का सुझाव भी प्रधानमंत्री मोदी का ही था, प्रभु श्री राम सूर्यवंशी क्षत्रिय हैं, ऐसे में रामनवमी पर सूर्य तिलक प्रभु रामलला के ललाट पर शोभायमान होना चाहिए, प्रधानमंत्री ने ना केवल सुझाव दिया बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक से विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की टीम को बुलाकर इसकी ज़िम्मेदारी भी सौंपी. ये टीम खगोलीय गणना के माध्यम से सूर्य प्रकाश को सीधे प्रभु श्री राम के मस्तक तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था में जुट गई.
रामनवमी से पहले सूर्य तिलक के अनुसंधान कई दिनों तक चले, और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सपना साकार हो गया, जब राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने वाला था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने ये सुझाव दिया था जिसकी परिणति रामनवमी के दिन हुई और सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को सुशोभित करती हुई नजर आई.
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