दिल्ली की एक अदालत ने पीएफआई से जुड़े मामले के एक आरोपी को उसकी पत्नी के प्रसव के आधार पर 60 दिनों की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दी है. आरोपी सैयद शल्लाउद्दीन को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने पीएफआई मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खनगवाल ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि जांच कार्यालय की सत्यापन रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी की पत्नी गर्भवती है और प्रसव 16/17 नवंबर, 2022 को होने की उम्मीद है.
आरोपी के पिता की आयु लगभग 70 वर्ष है और वह 40 प्रतिशत विकलांग हैं. इसके अलावा आरोपी के दो बच्चे हैं, जिनकी उम्र करीब एक साल और तीन साल है. आवेदक की भाभी परिवार में है, लेकिन उसके भी दो नाबालिग बच्चे हैं. अदालत ने आगे कहा कि आवेदक/आरोपी को अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है.
आरोपी के अधिवक्ता मुजीब उर रहमान, मोहम्मद आरिफ हुसैन और सत्यम त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि पूरा परिवार पूरी तरह से प्रत्येक आवश्यकता के लिए आवेदक पर निर्भर है. आपको बता दें कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) मामले में कई गिरफ्तारियां की थीं. 28 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद गिरफ्तारियां की गईं. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने शहर के छह जिलों में फैली पीएफआई इकाइयों पर छापेमारी की थी और कथित रूप से समूह से जुड़े 33 लोगों को हिरासत में लिया था.
केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को पीएफआई और उसके जुड़े रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), अखिल भारतीय इमाम परिषद (एएलसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) और अन्य संगठनों को कथित आतंकी गतिविधियों और गैरकानूनी काम करने के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया था.
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