सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच कर रही जस्टिस रवींद्रन समिति का कार्यकाल चार हफ्ते बढ़ा दिया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तकनीकी कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ समय मांगा था.
सीजेआई ने इस दौरान कहा कि कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट मिली है. तकनीकी कमेटी ने बताया है कि 29 मोबाइल फोनों की जांच की है. साथ ही पत्रकारों और एक्टिविस्टों से बातचीत भी की है. निगरानी जज ने 20 जून 2022 तक रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए समय मांगा है. हम जुलाई में मामले की सुनवाई करेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों पर पेगासस जासूसी मामलों की जांच करने वाली कमेटी का कार्यकाल चार सप्ताह बढ़ा दिया. सीजेआई ने कहा कि हमें तकनीकी समिति से अंतरिम रिपोर्ट मिली है. हालांकि कुछ एजेंसियों से जवाब आना बाकी है. ये रिपोर्ट मई के अंत तक फाइनल हो जाएगी. कमेटी ने कुछ मुद्दों पर जनता की राय भी मांगी थी. लोगों ने बड़ी तादाद में अपनी राय भेजी है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों की राय का इंतजार है.
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पीठ ने रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी को चार हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सीजेआई ने कहा कि अगले एक महीने में यानी 20 जून तक जस्टिस रवींद्रन अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंप देंगे.
वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. इस पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जेनरल (SG) तुषार मेहता ने विरोध किया और कहा कि रिपोर्ट को पब्लिक नहीं किया जाना चाहिए.
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