Parliament Session Update : हंगामे के बीच पास हुए बिल, दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्‍थगित

पेगासस (Pagasus scandal) और कृषि कानून (Farm laws) के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है और उसके विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों सदनों का कामकाज नहीं हो पा रहा.

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संसद का मानसून सत्र विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण प्रभावित हो रहा है
नई दिल्ली:

Parliament Monsoon Session Update: संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का यह आखिरी सप्‍ताह है. 13 अगस्‍त को इस सत्र का समापन हो जाएगा लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही अब तक लगातार बाधित हुई है. पेगासस (Pagasus scandal) और कृषि कानून (Farm laws) के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है और उसके विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों सदनों का कामकाज नहीं हो पा रहा. सोमवार को भी हंगामे के कारण बार-बार के स्‍थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक के लिए टालनी पड़ी. सुबह जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, फलस्‍वरूप कार्यवाही 11:30 और फिर 12, फिर 12:30 बजे और फिर मंगलवार सुबह तक स्‍थगित करनी पड़ी.उधर राज्‍यसभा में भी इसी कारण से कार्यवाही 12 बजे, फिर 2 बजे और इसके बाद 3:30 बजे तक टालनी पड़ी.12 बजे जब उच्‍च सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा, फलस्‍वरूप सभापति को कार्यवाही 2 बजे फिर 3;30 बजे तक और फिर मंगलवार तक तक स्‍थगित करनी पड़ी. सोमवार को लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (अमेंडमेंट) बिल 2021, डिपोजिट इंश्‍योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी (अमेंडमेंट) और द कांस्‍टीट्यून (एसटी) ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल को लोकसभा में मंजूरी मिली. राज्‍यसभा ने विपक्ष के हंगामे और वाकआउट के बीच सेंट्रल यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) बिल और टैक्‍सेशन (अमेंडमेंट) बिल को मंजूरी दी. बाद में लोकसभा की तरह उच्‍च सदन की कार्यवाही भी मंगलवार सुबह तक के लिए स्‍थगित कर दी गई.  

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सुबह जब राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो चेयरमैन वेंकैया नायडू ने टोक्‍यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा की स्‍वर्णिम उपलब्धि का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि नीरज ने बेहतरीन थ्रो से भारत के लिए ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो का गोल्‍ड जीता जबकि घुटने की चोट के बावजूद रेसलर बजरंग पूनिया ने कांस्‍य पदक जीता. उन्‍होंने कहा कि ओलिंपिक मे भाग लेने वाले भारतीय दल ने देश के लिए सर्वश्रेष्‍ठ ओलिंपिक क्षण उपलब्‍ध करए हैं. उन्‍होंने कहा कि पेगासस और अन्‍य मुद्दों पर कई सांसदों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है. मैं पहले ही इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कह चुका हूं, आइए इस मसले पर चर्चा करते हैं. इसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही 12 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी.

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सोमवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के 79 वर्ष पूरे होने का उल्लेख किया और कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक था.उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो' के नारे के साथ यह जन आंदोलन बन गया और अंग्रेजी दासता से मुक्त होने के लिये पूरा देश एकजुट हुआ.बिरला ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो अगले वर्ष तक चलेगा. उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर देश की सम्प्रभुता एवं अखंडता को बनाये रखने के लिये मिलकर काम करें.सदन ने कुछ पल मौन रहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी.लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में टोक्‍यो ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के गोल्‍ड मेडल जीतने का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इससे देश में उमंग का वातावरण है. उन्होंने रेसलिंग में बजरंग पूनिया द्वारा कांस्य पदक जीतने का भी उल्लेख किया. बिरला ने अपनी और सदन की ओर से खिलाड़ियों को बधाई दी.विपक्ष के हंगामे के बीच संविधान (127वां संशोधन) बिल 2021 लोकसभा में पेश किया गया, बाद में सदन से इस बिल को मंजूरी भी मिल गई.इसके अलावा लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (अमेंडमेंट) बिल 2021, डिपोजिट इंश्‍योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी (अमेंडमेंट) बिल को भी लोकसभा में मंजूरी मिली.तीन बाद के स्‍थगन के बाद भी हंगामा जारी रहा और लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. 

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कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेसी सांसदों का प्रदर्शन
इससे पहले, पंजाब कांग्रेस से लोकसभा सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है.हम मांग करते हैं कि लोकसभा में कार्यवाही रोक कर किसानों के मसले पर चर्चा कराई जाए.

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हमारी चर्चा की बात को नहीं सुना गया : महुआ मोइत्रा 
लोकसभा में आज बिना किसी बहस के तीन बिल पास हो गए. तीन बिल पेश भी हुए. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, आज बहुत इम्पोर्टेंट बिल थे, आदिवासी दिवस था ओबीसी बिल था सबने कहा कि इस पर चर्चा चाहिए लेकिन इसे नहीं सुना गया. निर्मला ने दोनों बिल ऐसे ही पेश किए. हमारी पेगासस जासूसी पर चर्चा की बात को भी नहीं सुना गया. इन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है. यह कहा जाता था कि विपक्ष एक नहीं है, इस सत्र में सब एक हैं. सब कह रहे हैं, पेगासस पर चर्चा होनी ही चाहिए. हम कही और भी चर्चा करने चाहें जैसे कि स्थायी समिति में तो सरकार ने अपने सांसदों को कह दिया कि आप वहां ओर हस्ताक्षर मत कीजिए ताकि कोरम पूरा न हो. सरकार न तो सदन के अंदर और न बाहर, इस पर चर्चा कर रही है. सुषमा स्वराज और अरुण जेटली जी ने क्या कहा था कि सदन चलाना सरकार का काम, विपक्ष का नहीं होता है. पीएम बाहर बोल रहे हैं, लेकिन अंदर न तो पीएम आते है और न ही गृह मंत्री. सदन में नही आते हैं. मीडिया को हिम्मत ही नहीं, उनसे पूछने की कि सात साल बीत गए. मीडिया से बात नहीं की. वो डर  रहे हैं, उनके पास जवाब नही है. 

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