राज्यसभा में पीयूष गोयल के लिए विपक्ष लाई विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, राघव चड्ढा को BJP ने घेरा

विपक्षी दलों ने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने के लिए राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है. आप सांसद राघव चड्ढा के खिलाफ भी बीजेपी ऐसा प्रस्ताव लाई है. विशेषाधिकार समिति जल्दी ही इसकी जांच शुरू करेगी.

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पीयूष गोयल ने विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन और उसके नेताओं को गद्दार कहा था. इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया.
नई दिल्ली:

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. वहीं, राज्यसभा में मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया. पीयूष गोयल पर सदन में बहस के दौरान विपक्षी सांसदों पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है. गोयल से पहले सोमवार को 4 सांसदों ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल के बाद राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. 

पीयूष गोयल ने विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन और उसके नेताओं को गद्दार कहा था. इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया. इसके बाद गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया. हालांकि, बीजेपी सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने गद्दार शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है.

जयराम रमेश ने ट्वीट करके दी जानकारी
जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा, 'आज 1300 बजे, राज्यसभा में I.N.D.I.A. के गठबंधन के नेताओं ने विपक्ष को "देशद्रोही" कहकर संबोधित करने के लिए सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है. जब प्रस्ताव सदन में आएगा तो सदन के पटल पर उनकी ओर से माफी से कम कुछ भी नहीं चलेगा' 

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आप सांसद राघव चड्ढा को क्यों मिला नोटिस?
वहीं, राज्यसभा में चर्चा के बाद दिल्ली सेवा बिल को सदन की सेलेक्ट कमिटी को भेजने के लिए आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने जब मोशन मूव किया, तो हंगामा हो गया. बीजेपी का आरोप है कि राघव चड्ढा की तरफ से रखे गए मोशन में जिन 19 सांसदों का नाम दिया गया, उनमें 4 सांसद ऐसे थे, जिन्होंने इसकी स्वीकृति नहीं दी थी. इसलिए चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया.

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राज्य सभा सचिवालय के मुताबिक, नियम 72(2) साफ तौर पर कहता है कि किसी सांसद को सेलेक्ट कमिटी में शामिल नहीं किया जा सकता, अगर वो इसके लिए तैयार न हो. प्रस्तावक को ये सुनिश्चित करना होगा कि वो किसी भी सांसद का नाम मोशन में शामिल करने से पहले उसकी रज़ामंदी ले. 

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विशेषाधिकार समिति जल्द करेगी जांच
सूत्रों ने NDTV को बताया है कि विशेषाधिकार समिति जल्दी ही इसकी जांच शुरू करेगी. अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो मामला बेहद गंभीर हो सकता है. इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा NDTV से कह चुके हैं कि वो विशेषाधिकार समिति के सामने वो किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं.  

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प्रिविलेज मोशन का नोटिस दिया- सस्मित पात्रा
इस मामले पर बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने NDTV से कहा, "मैंने प्रिविलेज मोशन का नोटिस दिया है. मेरा नाम उस मोशन में शामिल किया गया, जिसमें दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव राघव चड्ढा ने रखा था. मैं चाहता हूं इस मामले की जांच हो. जाहिर है विशेषाधिकार समिति जरूर इस मामले की जांच करेगी. सांसदों के नाम इसमें गलत तरीके से जोड़े गए".

राघव चड्ढा से परेशान बीजेपी- सौरभ भारद्वाज
आप सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राघव चड्ढा पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "भारतीय जनता पार्टी राघव चड्ढा से बहुत परेशान है. ऐसा लगता है कि जिस तरीके से राहुल गांधी की सांसदी खत्म करने की कोशिश हुई, कहीं राघव चड्ढा भाई की भी सदस्यता खत्म न कर दी जाए." सौरभ भारद्वाज ने कहा, "ये लोग बहुत ताकतवर हैं. षड्यंत्रकारी हैं. मैं उनको बताना चाहता हूं आप सदस्यता कैंसिल कर भी लेंगे, तो भी हमारे राघव भाई दोबारा चुन के आएंगे. लोगों की आवाज संसद में उठाते रहे".


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