गुलाब नबी आजाद को पद्म अवार्ड : कांग्रेस की खेमेबाजी खुलकर आई सामने, मुखर हुआ G-23 'विद्रोही' समूह

गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सभी कांग्रेस "जी -23" का हिस्सा हैं, जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
कांग्रेस पार्टी में दरार साफ दिख रही है.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने पर कांग्रेस के 'G-23' या 23 "विद्रोहियों" के समूह और गांधी परिवार के समर्थकों की तकरार खुलकर सामने आ गई है, जिससे पार्टी में दरार साफ दिख रही है. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान मिलने पर  गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है. शर्मा ने ट्वीट किया, 'गुलाम नबी जी को जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में उनके आजीवन समृद्ध योगदान के लिए योग्य सम्मान के लिए हार्दिक बधाई.'

उनके सहयोगी कपिल सिब्बल और ज्यादा मुखर दिखे. सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.'

कांग्रेस के एक अन्य नेता राज बब्बर ने एक शानदार पोस्ट में कहा है, 'बधाई हो गुलाम नबी आजाद साहब! आप एक बड़े भाई की तरह हैं और आपका त्रुटिहीन सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा एक प्रेरणा रही है. #PadmaBhushan राष्ट्र के लिए आपकी 5 दशकों की सेवा की एक आदर्श पहचान है.'

Advertisement

कांग्रेस नेतृत्व ने इस घोषणा पर औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची सामने आने के कुछ ही समय बाद, जयराम रमेश ने अपने सहयोगी पर "गुलाम, आज़ाद नहीं" वाक्य का इस्तेमाल करते हुए निशाना साधा. जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण कबूल करने से मना करने का उल्लेख करते हुए यह बात कही.  उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं.'

Advertisement

उन्होंने पूर्व नौकरशाह पीएन हाक्सर के पुरस्कार से इनकार करने के बारे में एक किताब से एक अंश भी साझा किया. उन्होंने इसके साथ लिखा है, 'जनवरी 1973 में, हमारे देश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह को बताया गया था कि उन्हें पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) छोड़ने पर पद्म विभूषण दिया जा रहा है. पीएन हाक्सर की प्रतिक्रिया ये थी. यह क्लासिक और अनुकरण के योग्य है.'

Advertisement

गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सभी कांग्रेस "जी -23" का हिस्सा हैं, जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी में दरार देखने को मिली. 

Advertisement

पद्म पुरस्कार विवाद उस दिन सामने आया जब कांग्रेस पार्टी छोड़कर एक और बड़े नेता आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल हो गए. मनमोहन सिंह सरकार में पूर्व मंत्री रहे आरपीएन सिंह ने यह कहते हुए कांग्रेस छोड़ दी कि पार्टी "अब पहले जैसी नहीं रही". इनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं.

Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: 10 साल, 20 देशों से सम्मान, PM मोदी ने रचा नया इतिहास
Topics mentioned in this article