वन रैंक वन पेंशन : सुप्रीम कोर्ट का सवाल, क्या केंद्र पेंशन में स्वतः वृद्धि के फैसले से पीछे हटा है?

OROP : सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने ओआरओपी के तहत पेंशन के वार्षिक संशोधन और पूर्व सैनिकों के 2014 के वेतन के आधार पर पेंशन की गणना करने की मांग की है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
OROP Pension Issue : वन रैंक वन पेंशन के मुद्दों को लेकर याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
नई दिल्ली:

वन रैंक वन पेंशन ( OROP) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई मंगलवार को शुरू कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा कि क्या केंद्र पेंशन के स्वत: वृद्धि के फैसले पर वापस चला गया है. शीर्ष अदालत ने पूछा, पेंशन संशोधन 5 साल पर क्यों तय किया गया? इसे सालाना क्यों नहीं किया जा सकता?  रक्षा मंत्री द्वारा 2014 में संसद में घोषणा किए जाने के बाद कि सरकार सैद्धांतिक रूप से OROP  देने के लिए सहमत हो गई. सरकार किसी भी समय पेंशन में भविष्य में वृद्धि को स्वचालित रूप से पारित करने के अपने फैसले से पीछे हट गई है ? 

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा बलों में OROP की मांग करने वाली पूर्व सैनिकों की याचिका पर ये  सुनवाई शुरू की.जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच  के सामने सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. वहीं केंद्र ने OROP पर  बचाव किया. केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा, 7 नवंबर, 2015 से पहले जो कुछ भी हुआ, उसे केवल चर्चा के रूप में माना जाना चाहिए.

संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए बयान कानून नहीं हैं क्योंकि वे लागू करने योग्य नहीं हैं. जहां तक ​​पेंशन में भविष्य की वृद्धि को स्वत: पारित करने का संबंध है, यह किसी भी प्रकार की सेवाओं में "अकल्पनीय" है. वन रैंक वन पेंशन लागू होने के बाद बजट बढ़ा है- वेतन, पेंशन और वन रैंक वन पेंशन रक्षा बजट में अलग-अलग आइटम हैं और इन्हें दूसरे के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए.याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि  संसद के पटल पर आश्वासन के बावजूद, जो लागू किया जा रहा है, वह व्यक्ति के सेवानिवृत्त होने के आधार पर समान रैंक के लिए अलग-अलग पेंशन है.

हर पांच साल में पेंशन बराबर करने से पिछले सेवानिवृत्त लोगों को गंभीर नुकसान होगा. याचिकाकर्ताओं ने ओआरओपी के तहत पेंशन के वार्षिक संशोधन और पूर्व सैनिकों के 2014 के वेतन के आधार पर पेंशन की गणना करने की मांग की है. जबकि सरकार की 2015 की अधिसूचना के अनुसार, पेंशन की आवधिक समीक्षा पांच साल और पेंशन 2013 के वेतन के आधार पर तय की गई थी. 

कानून की बात : 'सही वक्त पर करेंगे सुनवाई', हिजाब मामले में सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का फिर इंकार

Featured Video Of The Day
Amit Shah Interview | Rahul, Kejriwal, Dhankhar और संविधान संशोधन विधेयक पर क्या कुछ बोले अमित शाह?
Topics mentioned in this article