प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत बैंक खाताधारकों की संख्या बढ़कर 43 करोड़ तथा इन खातों में जमा राशि बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने शनिवार यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना के क्रियान्वयन के सात साल पूरे हो गए हैं. पीएमजेडीवाई की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 अगस्त, 2014 को की थी. साथ ही इसे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए इसे 28 अगस्त को शुरू किया गया था.
यह राष्ट्रीय मिशन वित्तीय सेवाओं यानी बैंकिंग, धन भेजने की सुविधा, ऋण, बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था.
इस मौके पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, 'मैं उन सभी के अथक प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं जिन्होंने #PMJanDhan को सफल बनाने के लिए काम किया. उनके प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि भारत के लोग जीवन की बेहतर गुणवत्ता का नेतृत्व करें.'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘आज हम #PMJanDhan के सात साल पूरे कर रहे हैं, यह एक ऐसी पहल है जिसने भारत के विकास पथ को हमेशा के लिए बदल दिया है. इसने अनगिनत भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन और गरिमापूर्ण जीवन के साथ सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है. जन धन योजना ने पारदर्शिता में मदद की है.'
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वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में जन-धन खाताधारकों की कुल संख्या 18 अगस्त, 2021 तक 43.04 करोड़ हो गई है. इसमें से 55.47 प्रतिशत या 23.87 करोड़ खाताधारक महिलाएं और 66.69 प्रतिशत यानी 28.70 करोड़ खाताधारक पुरूष हैं. मंत्रालय के अनुसार इस योजना के पहले वर्ष में 17.90 करोड़ जन-धन खाते खोले गए थे.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि कुल 43.04 करोड़ खातों में से 36.86 करोड़ यानी 85.6 प्रतिशत खाते सक्रिय है और इनमें प्रति खाता औसत जमा राशि 3,398 रुपये है.
मंत्रालय ने कहा कि औसत जमा में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों में बचत की आदत का एक और संकेत है. जन-धन खाताधारकों को जारी रूपे कार्ड की संख्या 31.23 करोड़ पर पहुंच गई है. 28 अगस्त, 2018 से रूपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है.