बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए डिजिटल कैंपने चलाया है. इन्हें उम्मीद थी किन केंद्रीय बजट में इससे जुड़ी घोषणा हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उधर, अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस मांग की हवा निकालाते हुए उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ऐसी कोई मांग बिहार सरकार ने की ही नहीं. दरअसल, बजट के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री और वित मंत्री तारकिशोर प्रसाद से पूछा गया कि बजट में ना विशेष राज्य का दर्जा और ना राज्य के लिए कोई विशेष सहायता का प्रावधान है तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई मांग केंद्र से नहीं की गई थी. इसके पूर्व एक और उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी ये कहकर इस मांग को ख़ारिज कर दिया था कि इसकी अब कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि केंद्र की मदद से राज्य का विकास हो रहा हैं.
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हालांकि बजट पर जनता दल यूनाइटेड की प्रतिक्रिया अलग-अलग रही. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बजट का स्वागत किया तो वहीं उनके पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बजट की आलोचना की और कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, "केंद्रीय बजट विकसित राज्यों के लिए ऐतिहासिक, परन्तु बिहार के लिए निराशाजनक है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर हम सभी बिहारवासियों को निराश किया है. देश के प्रधान बिहार पर ध्यान दें."
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वहीं हर दिन एक ट्वीट कर विशेष राज्य का दर्जा की मांग करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह बजट के बाद मौन रहे. ललन सिंह के नियमित ट्वीट का सार यही होता है कि प्रधानमंत्री जी बिहार पर विशेष कृपा कीजिए. 30 जनवरी को उन्होंने आखिरी ट्वीट किया था. जिसमें लिखा, " आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोगों की आवाज सुनिए. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर राष्ट्रीय औसत तक आगे बढ़ने का अधिकारी दीजिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ा है. सहयोग मिले तो और बढ़ेंगे.
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