दिल्ली में बिगड़ी एयर की क्वॉलिटी, NASA ने शेयर किया पंजाब में पराली जलाने का लेटेस्ट ट्रेंड

दिल्ली के लिए सेंटर एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के मुताबिक, शहर की वायु गुणवत्ता अगले चार से पांच दिनों में "खराब" और "बहुत खराब" श्रेणियों के बीच रहने की संभावना है.

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NASA पिछले कुछ साल में पराली जलाने से एयर क्वालिटी पर पड़े असर की स्टडी कर रहा है.

नई दिल्ली:

धीरे-धीरे मौसम बदल रहा है. ठंड दस्तक देने लगी है. इसके साथ ही दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगी है. पड़ोसी पंजाब और हरियाणा में फसल-अवशेष या पराली जलाने (Stubble Burning)से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) या AQI खराब होने की संभावना है.

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के डेटा और इमेजरी के आधार पर पंजाब के खेतों में पराली जलाने की स्थिति को समझा जा सकता है. NASA पिछले कुछ साल में पराली जलाने से एयर क्वालिटी पर पड़े असर की स्टडी कर रहा है.

25 अक्टूबर 2019 को पंजाब के इस मैप पर जो पॉइंट दिख रहा है, वो खेत में लगी आग को दर्शाता है. यह हर साल बदलता है. 25 अक्टूबर 2020 को खेत की आग का प्रतिनिधित्व करने वाले पॉइंट समान रहेंगे.

2021, 2022, 2023 की एक ही तारीख को ली गई सैंपल इमेजरी में समान पॉइंट दिखते हैं. नासा की इमेजरी रेड पॉइंट के साथ एक बड़ा क्षेत्र दिखाती है. ये पंजाब के खेतों में पराली जलाए जाने की घटनाओं को दिखा रही है.

2016 को छोड़कर 2012 से अब तक पूरे पंजाब के खेतों में पराली जलाई गई. लेकिन अगर आप 2023 के अब तक के पैटर्न को देखें, तो यह संख्या इस बात की ओर इशारा करती है कि पंजाब में पराली जलाना 2012 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है.

मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट हिरेन जेठवा ने NDTV से कहा, "मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि पंजाब और हरियाणा में आग की घटनाएं सबसे कम हैं. हमने खेतों में पराली जलाने की इतना कम ट्रेंड पहले कभी नहीं देखा. ऐसा लगता है कि इस जुलाई और अगस्त में हरियाणा और पंजाब में अधिक बारिश हुई, जिससे कुछ फसलें नष्ट हो गईं."

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वैज्ञानिक ने कहा, "मुझे थोड़ा डर है कि ( पराली जलाने) की घटनाओं में देरी हो गई है. अब तक बड़ी आग नहीं देखी गई. आने वाले दो हफ्तों में ऐसा होने की संभावना है."

निगरानी एजेंसियों के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता (AQI) बुधवार को लगातार तीसरे दिन "खराब" श्रेणी में दर्ज की गई. अगले कुछ दिनों में दिल्ली के AQI में बड़े सुधार की गुंजाइश नहीं है. शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) बुधवार सुबह 10 बजे 238 था. ये मंगलवार शाम 4 बजे 220 पर पहुंच गया था.

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दिल्ली से सटे गाजियाबाद का औसत AQI 196 रहा. जबकि फ़रीदाबाद में AQI 258, गुरुग्राम में 176, नोएडा में 200 और ग्रेटर नोएडा में 248 दर्ज किया गया.

दिल्ली के लिए सेंटर एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के मुताबिक, शहर की वायु गुणवत्ता अगले चार से पांच दिनों में "खराब" और "बहुत खराब" श्रेणियों के बीच रहने की संभावना है.

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बता दें कि जीरो और 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 और 100 के बीच  AQI को संतोषजनक, 101 और 200 के बीच  AQI को मध्यम, 201 और 300 के बीच  AQI को खराब, 301 और 400 के बीच  AQI को बहुत खराब और 401 और 500 के बीच  AQI को गंभीर माना जाता है.

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता मई के बाद पहली बार रविवार को "बहुत खराब" हो गई थी. इसकी मुख्य वजह  तापमान और हवा की गति में गिरावट थी, जिससे प्रदूषक जमा हो गए थे.

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