Mumbai pollution: मुंबई की वायु गुणवत्ता 150-200 के AQI के साथ ‘मध्यम' से ‘खराब' श्रेणी में बनी हुई है. बीएमसी (BMC) एक्शन मोड में है और बिल्डर-कांट्रेक्टर को नोटिस भेज रही है. पी नॉर्थ वॉर्ड में बन रहे करीब 6000 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट- ‘गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना' को भी नोटिस भेजा गया है. हालांकि कई कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियमों का उल्लंघन करते हुए खुले में पड़ा मिट्टी का मलबा दिख रहा है.
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गाइडलाइन जारी हुए करीब दो हफ़्ते हो चुके हैं. अब बीएमसी एक्शन मोड में है. बिल्डरों और कांट्रैक्टरों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. इन नोटिसों में बीएमसी ने साफ लिखा है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
NDTV मुंबई के सबसे ज्यादा आबादी वाले वॉर्ड में से एक पी नॉर्थ वॉर्ड में पहुंचा. यहां 97 निजी और 27 सरकारी कंस्ट्रक्शन साइटें हैं. वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में है. सभी बिल्डरों और सरकारी कांट्रैक्टरों को नियमों का पालन करने का नोटिस भेजा जा चुका है.
NDTV जिन भी कंस्ट्रक्शन साइटों से होकर गुजरा लगभग हर जगह खुला मलबा सामने था. नियमानुसार इसे साइट से हटाना है या ढंकना है ताकि हवा में धूल मिट्टी ना घुले.
मुंबई में औसत 135
चेम्बूर में सबसे ज्यादा 270
कोलाबा में 256
बीकेसी में 189
मलाड में 173
बोरिवली में 162
मजगांव में 153
भांडुप में 122
अंधेरी में 105
मुंबई से सटे नवी मुंबई में 182
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए साइटों पर तोड़फोड़ के काम और खुदाई के दौरान लगातार पानी का छिड़काव, साइटों पर एंटी स्मॉग गन-वॉटर स्प्रिंकलर की तैनाती, 25 से 35 फुट की आयरन शीट से घेराव, मलबा हटाना या इसे ढंकना, साइट पर सीसीटीवी कैमरा लगाने जैसे कुछ अहम गाइडलाइन जारी की गई हैं.
एक स्टडी में यह दावा किया गया है कि मुंबई में 42 फीसदी प्रदूषण बढ़ा है. बीते पांच वर्षों में मुंबई में प्रदूषण दोगुना हो गया है. मुंबई में खतरनाक धूल और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव अनिवार्य किया गया है. पर डस्ट सप्रेशन मशीन सिर्फ नरीमन पॉइंट और इस जैसे दक्षिण मुंबई के क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करती ही दिखती हैं. इस पर सवाल पूछे जा रहे हैं कि बाकी उन इलाकों का क्या जहां हवा खराब है. बताया जा रहा है कि जिन 30 एंटी स्मॉग गन मशीनों को लाने की तैयारी हो रही है वे अगले साल ही मुंबई को नसीब हो पाएंगी. ऐसे में दिवाली के बाद नवम्बर और दिसंबर माह में खराब हवा और ज़्यादा खतरनाक हो सकती है.
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