मध्यप्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक निजी अस्पताल ने जिस शख्स को कोरोना संक्रमित बताकर उसे मृत घोषित कर दिया था वो अब दो साल बाद जिंदा घर वापस आ गया है. खास बात ये है कि उस दौरान संबंधित अस्पताल ने पीड़ित परिजनों को ये सूचना दी थी कि उनके बेटे की कोरोना से मौत हो गई है और वो उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. परिजनों को दूर से ही एक शव दिखा दिया गया था. पूरा मामला मध्यप्रदेश के धार का है.
बेटे को सामने देख परिजन हुए खुश
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ौदा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टरों ने 40 साल के एक युवक जिसकी पहचान कमलेश पाटीदार के रूप में की गई है, को मृत घोषित कर दिया था. इतना ही अस्पताल के कर्मचारियों ने उसका अंतिम संस्कार करने का भी दावा किया था. लेकिन दो साल बाद कमलेश अब घर वापस आ गया है. कमलेश के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उसके परिजनों को मृतक का शव दूर से ही दिखाया गया था. लेकिन अब जब बेटा जिंदा वापस घर लौट आया है तो उसके लौट आने से परिजन खासे खुश हैं. कमलेश के जिंदा होने और घर लौटने की खबर फैलने के बाद उसके परिजन उससे मिलने आ रहे हैं.
कमलेश ने कहा बंधक बनाया गया था
खास बात ये है कि कमलेश ने घर लौटने के बाद अपने परिवार वालों को बताया कि उसे कुछ लोगों ने बंधक बनाकर प्रताड़ित किया था. बीते दो साल से वो उनके ही चंगुल में था. लेकिन कुछ दिन पहले ही उसे जैसे ही मौका मिला वो वहां से भागकर शुक्रवार रात उसके मामा के घर धार जिले की सरदारपुर तहसील में पहुंच गया. वहां पुलिस से बदनावर क्षेत्र के थाने ले जाया जा रहा है युवक से लोगों का कहना है कि कमलेश किसी से बात नहीं कह रहा है.
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