दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले की सुनवाई 31 अक्तूबर को होगी. दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग मामले को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने के खिलाफ सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 1 अक्टूबर को सत्येंद्र जैन की उस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. पीठ ने कहा था कि सवाल उस न्यायाधीश की ईमानदारी नहीं है, जिसके पास से मामला स्थानांतरित किया गया था, बल्कि विरोधी पक्ष (प्रवर्तन निदेशालय) के मन में आशंका का है .
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पीठ ने कहा कि तथ्यों से पता चलता है कि ईडी ने न केवल पूर्वाग्रह की आशंका को बरकरार रखा है, ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि उसकी आशंका कमजोर या तर्कसंगत है. 28 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैन ने अदलात में कहा था कि ईडी देश पर राज कर रही है और ऐसे में न्यायपालिका को एक न्यायाधीश की रक्षा के लिए खड़ा होना पड़ता है.
ईडी की जैन की जमानत याचिका समेत अन्य कार्यवाही को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरण करने की मांग को सत्र न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया था. प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने जैन के मामले को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत से विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था.
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