हिमाचल के स्कूलों में मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच के इस्तेमाल पर रोक, नए साल से लागू होंगे आदेश 

हिमाचल प्रदेश में नए निर्देशों के तहत छात्रों के लिए स्कूल परिसर में मोबाइल फोन के साथ-साथ स्मार्ट वाच, हेडफोन, गैर-शैक्षणिक टैबलेट/आईपैड, म्यूजिक प्लेयर, हैंड-हेल्ड गेमिंग डिवाइस और रिकॉर्डिंग या सूचना प्रसारण में सक्षम किसी भी उपकरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

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हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है, जो नए साल से लागू होगा. राज्य सरकार ने स्कूल परिसर में मोबाइल फोन के साथ स्मार्टवॉच, हेडफोन, टैबलेट/आईपैड, म्यूजिक प्लेयर, हैंड-हेल्ड गेमिंग डिवाइस और रिकार्डिंग के अलावा सूचना प्रसारण में सक्षम किसी भी तरह के उपकरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. 1 जनवरी से स्कूलों में ये नए नियम लागू होंगे.

SMC की भूमिका भी तय

नए निर्देशों के तहत छात्रों के लिए स्कूल परिसर में मोबाइल फोन के साथ-साथ स्मार्ट वाच, हेडफोन, गैर-शैक्षणिक टैबलेट/आईपैड, म्यूजिक प्लेयर, हैंड-हेल्ड गेमिंग डिवाइस और रिकॉर्डिंग या सूचना प्रसारण में सक्षम किसी भी उपकरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC) की भूमिका भी तय की है. बैठकों में अभिभावकों को स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि उनके बच्चे स्कूल में मोबाइल या अन्य व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं लाएंगे. यदि कोई छात्र मोबाइल या अन्य उपकरण के साथ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. बार-बार नियम तोड़ने पर निष्कासन तक की कार्रवाई की जा सकती है. स्कूल चाहें तो एसएमसी से परामर्श कर आर्थिक दंड का प्रावधान भी लागू कर सकते हैं.

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ऐसे मिलेगी छूट

विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि गंभीर स्वास्थ्य या सुरक्षा से जुड़ी विशेष परिस्थितियों में अभिभावक के लिखित अनुरोध पर प्रधानाचार्य की अनुमति से छात्र को मोबाइल लाने की छूट दी जा सकेगी. ऐसी स्थिति में भी मोबाइल को स्कूल में निर्धारित स्थान पर जमा करना होगा और छात्र को केवल अवकाश के समय वहीं से कॉल करने की अनुमति होगी.

शिक्षकों के लिए ये होंगे नियम

शिक्षक कक्षा, प्रयोगशाला, परीक्षा या किसी भी शैक्षणिक गतिविधि के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे, सिवाय शैक्षणिक या आपात स्थिति के. मोबाइल का उपयोग केवल डिजिटल शिक्षण सामग्री, उपस्थिति, लर्निंग एप्स और आधिकारिक स्कूल कार्यों के लिए ही किया जा सकेगा. स्कूल समय में मोबाइल फोन साइलेंट मोड पर रखना अनिवार्य होगा. इंटरनेट मीडिया, गेमिंग या मनोरंजन से जुड़े कंटेंट का उपयोग बिना अनुमति प्रतिबंधित रहेगा. छात्रों की फोटो या वीडियो रिकॉर्डिंग भी बिना अनुमति नहीं की जा सकेगी. नियमों के उल्लंघन पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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प्रिंसिपल की जिम्मेदारी

इन सभी निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक की होगी. यदि किसी स्कूल में नियमों का पालन नहीं होता है और समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती, तो संबंधित प्रधानाचार्य के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जा सकती है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि ये सभी प्रावधान 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा संहिता के पैरा 2.32 (बी) के तहत पहले से लागू नियमों का स्थान लेंगे.

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