मुंबई के आरे में पेड़ काटने के मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है. अब इस मामले में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की बेंच सुनवाई करेगी. इस मामले की सुनवाई के लिए बेंच बदली गई है. पहले इस मामले को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड के पास भेजा गया था. इससे पहले पिछले बुधवार को CJI एन वी रमना को याचिकाकर्ता की वकील अनीता शेनॉय ने पेड़ काटने की जानकारी दी थी और कहा कि हर दिन पेड़ काटे जा रहे हैं. याचिकाकर्ता ने जल्द सुनवाई की मांग की थी.
CJI ने कहा था कि जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई करेगी. हालांकि, सुनवाई नहीं हो पाई और याचिकाकर्ता ने किसी और बेंच से सुनवाई की मांग की. दरअसल, 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने ऋषभ रंजन कानून के छात्र द्वारा लिखे गए एक पत्र का संज्ञान लिया था, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश से आरे में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी करने और इसे एक जनहित याचिका में बदलने का आग्रह किया गया था.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया था और आगे पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला दिया था. हाल ही में नव नियुक्त महाराष्ट्र सरकार के मेट्रो कार शेड के निर्माण को फिर से शुरू करने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं. आरे जंगल 1,800 एकड़ क्षेत्र है जिसे अक्सर मुंबई ग्रीन फेफड़ा कहा जाता है.
ये भी पढ़ें-
- "नरेंद्र मोदी, अमित शाह को लगता है, हम चुप हो जाएंगे, अगर..." : बोले राहुल गांधी
- जब पार्लियामेंट चल रही है, मुझे ED का समन आया, हम डरेंगे नहीं, फाइट करेंगे : मल्लिकार्जुन खड़गे
- जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है असम : सीएम हिमांता बिस्व सरमा
ये भी देखें-संसद में हमें बोलने नहीं दिया जा रहा, NDTV से बोले अधीर रंजन चौधरी