मणिपुर विधानसभा के एक दिवसीय सत्र की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद हंगामे के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. हालात सामान्य होने के बीच इस एक दिन के सत्र को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था. विधानसभा का ये सत्र तीन महीने बाद हुआ और राज्य में मई महीने से जारी हिंसा में 170 लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में यह विधानसभा सत्र काफी मायने रखता था.
10 कुकी-ज़ोमी विधायकों ने सत्र का बहिष्कार किया था
राज्य के सभी 10 कुकी-ज़ोमी विधायकों ने सत्र का बहिष्कार किया था. इनमें दो मंत्री भी शामिल हैं. कुकी ज़ोमी संगठन ने सरकार से सत्र को आगे बढ़ाने की मांग की थी.
थम गया था सबकुछ... अब हालात हो रहे हैं सामान्य
चिट्ठियां, कागज़ात और पार्सलों से भरे सैकड़ों थैले आखिरकार चूड़ाचांदपुर पहुंच चुके हैं. इसी शहर में मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुई थी. इंटरनेट पर पाबंदी की वजह से तकरीबन तीन महीनों तक डाक सेवा भी बाधित रही, पार्सल लाने-ले जाने वाली गाड़ियों के चक्के भी थमे रहे. सैकड़ों लोग अपने ATM कार्ड का इंतज़ार करते रहे, नौकरियों के पत्र भी नहीं आ सके. अब जाकर एक ही हफ्ते में पार्सलों से भरे तकरीबन 700-800 थैले चूड़ाचांदपुर पहुंचे हैं. इंफ़ाल के पासपोर्ट सेवा केंद्र में 4 मई को ही कामकाज थम गया था, यहां के मामले गुवाहाटी का क्षेत्रीय पासपोर्ट सेवा केंद्र देख रहा है. इंफ़ाल के पासपोर्ट सेवा केंद्र में 4 मई को ही कामकाज थम गया था, यहां के मामले गुवाहाटी का क्षेत्रीय पासपोर्ट सेवा केंद्र देख रहा है. देर से ही सही पर अब धीरे-धीरे मणिपुर में हालात सामान्य हो रहे हैं.
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