NEET पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन हुआ है. CBI ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के ट्रंक से NEET का पेपर चुराने वाले इंजीनियर को बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है. उसका एक अन्य साथी भी पकड़ा गया है. गिरफ्तार लोगों की पहचान पंकज कुमार और राजू सिंह के तौर पर हुई है.
सूत्रों के मुताबिक, पंकज कुमार उर्फ आदित्य ने जिस ट्रंक से पेपर जा रहा था, उसमें से ही पेपर चोरी किया था और फिर आगे बांटने के लिए दिया था. पंकज कुमार जमशेदपुर से पढ़ा हुआ है और बोकारो का रहने वाला है. जबकि उसके एक अन्य साथी राजू सिंह को भी हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, पेपर को स्टील बॉक्स से चुराया गया था. पंकज के पेपर चुराने के बाद उसे लीक कराने में दूसरे आरोपी ने भी मदद की थी.
सूत्रों के मुताबिक, CBI की टीम ने 15 जुलाई को हजारीबाग के रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस में छापा मारा था. इससे पहले राज गेस्ट हाउस के मालिक राजकुमार सिंह उर्फ राजू के कदमा स्थित घर में छापा मारा था. NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
मुख्य आरोपी संजीव मुखिया अब भी फरार
इससे पहले NEET पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की अग्रिम जमानत पर सोमवार को सुनवाई हुई. उसकी जमानत याचिका को CBI कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. मुख्य आरोपी संजीव मुखिया अभी तक फरार है. करीब 6 दिन पहले CBI ने नालंदा में संजीव मुखिया के घर भी दबिश दी थी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला था. उसके परिवार वालों से पूछताछ करके CBI की टीम खाली हाथ लौट आई.
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क्या है विवाद?
NEET-UG एग्जाम में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं. इस वजह से इस साल रिकॉर्ड 67 कैंडिडेट्स ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल किया है. पिछले साल टॉप रैंक पर मात्र दो स्टूडेंट आए थे. ऐसे में स्टूडेंट्स का आरोप है कि कई कैंडिडेट्स के मार्क्स प्लान के तहत घटाए और बढ़ाए गए हैं. दूसरी ओर, 6 सेंटर में एग्जाम कराने में देरी हुई. समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ऐसे सेंटरों में कम से कम 1500 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं.
कहां लीक हुए पेपर?
NEET-UG में पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने पिछले महीने कहा था कि उसे जांच से पता चला है कि 5 मई के एग्जाम से पहले करीब 35 स्टूडेंट्स को NEET के पेपर और आंसर मुहैया कराए गए थे. पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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कहां दिए गए थे ग्रेस मार्क्स?
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम 6 एग्जाम सेंटरों में पेपर समय से नहीं बांटे गए थे. यानी स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए 3 घंटे 20 मिनट नहीं मिले थे. स्टूडेंट्स ने समय की बर्बादी की शिकायत की थी. जिसके बाद इन सेंटरों में स्टूडेंट्स को कोर्ट के तैयार फॉर्मूले के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए.
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