असंवैधानिक तरीके के आगे न झुकें, निडर होकर कर्तव्य का निर्वहन करें : खरगे की नौकरशाहों और अधिकारियों से अपील 

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने मतगणना की पूर्व संध्या पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने नौकरशाहों से बिना किसी भय, पक्षपात या दुर्भावना के राष्ट्र की सेवा करने का आग्रह किया.

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नई दिल्‍ली:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने मतगणना की पूर्व संध्या पर देश के नौकरशाहों का आह्वान किया कि वे संविधान का पालन करें, किसी असंवैधानिक तरीके के आगे नहीं झुकें और बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करें. मंगलवार सुबह आठ बजे से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की मतगणना होनी है. खरगे ने नौकरशाहों और अधिकारियों के नाम जारी अपील में कहा, 'मैं भारत के निर्वाचन आयोग, केंद्रीय सशस्त्र बलों, विभिन्न राज्यों की पुलिस, सिविल सेवकों, जिलाधिकारियों, स्वयंसेवकों और आप में से हर एक को बधाई देना चाहता हूं जो इस विशाल और ऐतिहासिक कार्य के क्रियान्वयन में शामिल थे.'

उन्होंने कहा कि संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करेगा तथा संविधान और कानून के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा.

खरगे का कहना था, 'इस भावना से हम प्रत्येक नौकरशाह और अधिकारी से - पदानुक्रम के ऊपर से नीचे तक, संविधान की भावना के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा करते हैं....''

उनके अनुसार, इस तथ्य को रेखांकित करना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बी.आर. आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद, सरोजिनी नायडू और हमारे अनगिनत प्रेरणादायी संस्थापक सदस्यों द्वारा तैयार संविधान के माध्यम से न केवल मजबूत शासन का ढांचा तैयार किया, बल्कि नौकरशाही और नागरिक समाज में हाशिए पर पड़े लोगों को स्वायत्त संस्थानों में प्रतिनिधित्व देकर सकारात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की.

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लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा : खरगे 

खरगे ने कहा, 'पिछले दशक में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हमारे स्वायत्त संस्थानों पर हमला करने, उन्हें कमजोर करने और दबाने का एक व्यवस्थित चलन देखा गया है. परिणामस्वरूप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा है. भारत को एक तानाशाही शासन में बदलने की व्यापक प्रवृत्ति है. '

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कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, 'हम तेजी से देख रहे हैं कि कुछ संस्थाएं अपनी स्वतंत्रता को त्याग रही हैं और बेशर्मी से सत्ताधारी पार्टी के हुक्मों का पालन कर रही हैं. कुछ ने पूरी तरह से उनकी संवाद शैली, उनके कामकाज के तरीके और कुछ मामलों में तो उनकी राजनीतिक बयानबाजी को भी अपना लिया है.'

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उन्होंने कहा, 'यह उनकी गलती नहीं है. तानाशाही शक्ति, धमकी, बलपूर्वक तंत्र और एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ, सत्ता के आगे झुकने की यह प्रवृत्ति उनके अल्पकालिक अस्तित्व का एक तरीका बन गई है. हालांकि, इस अपमान में संविधान और लोकतंत्र हताहत हुए हैं.'

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कर्तव्‍यों का पालन करें और बिना भय के राष्ट्र सेवा करें : खरगे  

खरगे ने कहा, ' कांग्रेस अब समस्त नौकरशाही से आग्रह करती है कि वे संविधान का पालन करें, अपने कर्तव्यों का पालन करें और बिना किसी भय, पक्षपात या द्वेष के राष्ट्र की सेवा करें. किसी से डरें नहीं. किसी असंवैधानिक तरीके के आगे न झुकें. किसी से न डरें और इस मतगणना दिवस पर योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. '

उन्होंने कहा, 'हम आधुनिक भारत के निर्माताओं द्वारा भावी पीढ़ियों के लिए रचित जीवंत लोकतंत्र और दीर्घकालिक संविधान के ऋणी हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस आशा के साथ कि भारत का स्वरूप वास्तव में लोकतांत्रिक बना रहे, मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि संविधान के हमारे शाश्वत आदर्श बेदाग रहेंगे.'

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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