महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख एक साल बाद जेल से रिहा

Anil Deshmukh: जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. उन्हें बदले की भावना के तहत फंसाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins

Anil Deshmukh को अदालत ने 12 दिसंबर को जमानत दे दी थी

मुंबई:

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल से रिहा हो गये हैं. कुछ ही देर पहले रिहाई के आदेश पर कोर्ट की मुहर लगी थी. बॉम्बे सेशंस कोर्ट से रिलीज मेमो उन्हें मिल गया था. अनिल देशमुख के वकील एड इंद्रपाल सिंह रिहाई आदेश पत्र लेकर मुंबई सत्र न्यायालय से आर्थर रोड जेल पहुंचे थे. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. उन्हें बदले की भावना के तहत फंसाया गया था. अनिल देशमुख  ने कहा कि मुझे दुख है कि एक आरोपी  सचिन वझे के कहने पर जो खुद दो मामलों में जेल में हैं. जो पहले निलंबित रह चुका है उसके कहने पर मुझे एक साल से ज्यादा जेल में रखा गया.

अनिल देशमुख के जेल से बाहर निकलने पर उनका स्वागत करने के लिए एनसीपी के कई बड़े नेता वहां मौजूद थे. अनिल देशमुख के साथ खुली जीप में सुप्रिया सुले भी मौजूद थी. बड़ी संख्या में एनसीपी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे.  ऐसा बताया जा रहा है कि पहले वो सिद्धि विनायक मंदिर जाएंगे उसके बाद वर्ली के अपने घर पर पहुंचेंगे. 

अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने दावा किया था कि उन्होंने राज्य के गृह मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और कुछ पुलिस अधिकारियों के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बारों से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए थे.

Advertisement

इससे पहले  बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 73 वर्षीय नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी.

Advertisement

जांच एजेंसी ने न्यायालय का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो सकेगी, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है.उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. जांच एजेंसी ने मंगलवार को एक बार और रोक बढ़ाने का अनुरोध किया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

Topics mentioned in this article